आज संगीत का फंक्शन था। राहुल और जिया दोनों को पास पास मैं बैठाया जाता है। जिया के हाथ में मेहंदी लगी थी।
राहुल उसे निहारा रहा था। ईशा और आदित्य कुछ डांस का प्लानिंग करते हैं।
आदित्य स्टेज पर आकर माइक हाथ में लेकर तो सभी लेडिज और जैनटलमैन आप सब का आज की शाम के फंक्शन में यह आदित्य बहुत बहुत स्वागत करता है।
आप सब आए हमारे न्यू होने वाले कपल को अपना आशीर्वाद दिया इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
तो शादी है और शादी में ना नाच गाने के बिना मजा नहीं आता है। क्यों सही है ना?
हां सबके चिल्लाने की आवाज आती है।
रमा जी सौरभ जी को किनारे लाकर सुनिए वो दीदी का फोन आया था। सौरभ जी की बहन जो ईशा को बिल्कुल पसंद नहीं करती वो।
हां क्या कहा दीदी ने
वो दीदी कल शादी में आ रही है। पता नहीं हमे डर लग रहा कहीं राहुल का रिश्ता देख दीदी कुछ परेशानी खड़ी ना कर दे।
सौरभ जी रमा जी को शांत रहने को कहते हैं और आज का फंक्शन एन्जॉय करने को बोलते हैं। रमा जी और सौरभ जी ममता जी और आलोक जी के पास आकर बैठ जाते हैं।
सबसे पहले राहुल और जिया आते हैं डांस करने के लिए।
मुझको..
इतना बताये कोई
कैसे तुझसे दिल
ना लगाए कोई
रब्बा ने तुझको बनाने में
कर दी है हुस्न की
खाली तिजोरियाँ
काजल की सिहाई से लिखी
है तूने जाने
कितनो की लव स्टोरियाँ
केसरिया तेरा इश्क़ है पिया
रंग जाऊं जो मैं हाथ लगाऊँ
दिन बीते सारा तेरी फ़िक्र में
रैन सारी तेरी खैर मनाऊँ
दोनो डांस खत्म करते हैं। सब उन दोनों के लिए तालियां की बौछार कर देते हैं।
आदित्य वापस स्टेज पर आकर तो अब हमारे अभी जो थोड़े दिन पहले न्यू कपल बने उन्हें बुलाते हैं।
ईशा अपना राघव का नाम सुनकर राघव की तरफ देखने लगती है। क्योंकि उन दोनों ने तो कोई तैयारी भी नहीं की थी फिर कैसे?
ईशा राघव की तरफ देखती है। राघव हां मैं पलक झपका देता है। दोनों स्टेज पर आ जाते हैं।
तू मेरा कोई ना
होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना
होके भी कुछ लागे
किया रे जो भी तूने कैसे किया रे
जिया को मेरे बाँध ऐसे लिया रे
समझ के भी ना समझ मैं सकूँ
सवेरों का मेरे तू सूरज लागे
तू मेरा कोई ना
होके भी कुछ लागे
अपना बना ले पिया
अपना बना ले पिया
अपना बना ले मुझे
अपना बना ले पिया
अपना बना ले पिया
अपना बना ले पिया
दिल के नगर में
शेहर तू बसा ले पिया
आदित्य ने यह गाना उन दोनों के लिए पसंद किया था। सच में उन दोनों की जोड़ी पर गान मैच हो रहा था।
आदित्य और ईशा,जिया तीनों जीद कर लेते हैं कि आलोक जी ममता और अनिता जी और अभिलाष जी भी डांस करके। पर सब मना कर रहे होते हैं। पर आदित्य ईशा और जिया उन सब को पकड कर स्टेज पर ले आती है।
ईशा सौरभ जी और रमा जी को भी स्टेज पर ले आती है। फिर आदित्य को कहकर गाना लगवाती हैं।
ऐ मेरी ज़ोहरा-ज़बीं
तुझे मालूम नहीं
तू अभी तक है हंसीं
और मैं जवाँ
तुझपे क़ुरबान मेरी जान मेरी जान
ऐ मेरी …
आलोक जी और सौरभ जी दोनों ही डांस करना चालू हो जाते हैं। रमा जी और ममता जी को शर्म आ रही होती हैं।
अभिलाष जी अनिता जी का हाथ पकड़कर डांस करने लगते हैं। अनिता जी को भी शर्म आ रही होती हैं।
ये शोखियाँ ये बाँकापन
जो तुझ में है कहीं नहीं
दिलों को जीतने का फ़न
जो तुझ में है कहीं नहीं
मैं तेरी
मैं तेरी आँखों में पा गया दो जहाँ
ऐ मेरी …
ममता जी स्टेज से नीचे चली आती है। उनके शर्म से गाल लाल हो जाते हैं।
तू मीठे बोल जान-ए-मन
जो मुस्कुराके बोल दे
तो धडकनों में आज भी
शराबी रंग घोल दे
ओ सनम
ओ सनम मैं तेरा आशिक़-ए-जाबिदाँ
ऐ मेरी …
आज का फंक्शन हंसी खुशी से खत्म हो चुका था। कल शादी थी इसलिए सब अपने अपने कमरे में जाकर सो गए थे। पर सौरभ जी और रमा जी को आज नींद नहीं आने वाली थी। कल उनकी बेटी विदा होने वाली थी। हां घर पास मैं था। पर पहले जैसा तो नहीं रहेगा शादी के बाद यही सोचकर दोनों ही नींद आ रही थी।
ईशा कमरे में आकर अपने डुप्पटा उतारकर पलंग पर रखती है। फिर ब्लाउज की डोरी खोलने लगती है। पर उसे खुल नहीं रही थी। ईशा आईने के सामने आगे पीछे सब मुड़ कर कोशिश कर लेती है। पर उसे डोरी खुल नहीं रही थी।
राघव कब से ईशा की तरफ देख रहा था। वो उसकी तरफ कदम बढ़ाता है। और उसके हाथ पकड़कर मै देखूं। ईशा हां मैं सर हिला देती है।
राघव ईशा की ब्लाउज की डोरी खोलने लगता है। ईशा राघव की अंगुली की छुअन से सिहरन सी दौड़ने लगती है। ईशा की आंख बन्द हो जाती है।
राघव आईने से यह देखकर मुस्कुरा जाता है। ईशा राघव ईशा को आवाज देता है। ईशा आंख खोलकर आईने से राघव को देखती है। तुम सही हो?
ईशा हां मैं सर हिला देती है।
राघव बैड पर आकर लैट जाता है। ईशा भी चैज करके उसके पास लेट जाती है। ईशा राघव के चेस्ट पर अपना सर रख लेती है। राघव यह देखकर मुस्कुरा जाता है। दोनों ही नींद में चले जाते हैं।
जिया सौरभ जी और रमा जी के कमरे में आती है। जिया को इतनी रात अपने कमरे में देखकर दोनों परेशान हो जाते हैं।
रमा जी जिया को देखकर तु इतनी रात को क्यों आईं है बेटा अभी तक सोई नहीं आप?
जिया की आंख नम हो जाती है वो रमा जी के गले लग जाती है। मां हमें शादी नहीं करनी है।
रमा जी और सौरभ जी शादी से एक दिन पहले यह सुनकर हैरान हो जाते हैं। रमा जी जिया के सर पर हाथ फेरकर बेटा यह आप क्या बोल रही है कुछ पता है आपको?
मां शादी में सबकुछ अच्छा होता है। बस एक बेटी को अपने मां बाप को छोड़कर जाना यही बेकार है इसलिए हमें शादी नहीं करनी है।
रमा जी और सौरभ जी यह सुनकर इमोशनल हो जाते हैं। उनकी आंख भी नम हो जाती है। रमा जी ईशा को अपने पास बैड पर बैठाकर पागल हमें डरा दिया था। क्या बोलती है तु कितना सोचने लगी है आजकल।
बेटा यह रीत मुझे भी बहुत बेकार लगती थी। जब मैं तुम्हारी नानी को छोड़कर तेरे पापा के साथ जाने का वक्त आया था। पर मैं भी आई ना।
और तु तो कहा हमसे दूर जा रही है। एक दम छिपा हुआ तो घर है। कभी भी जब तेरा मन हो तु आ सकती है।
जिया रमा जी के गले लग जाती है। सौरभ जी जिया के सर पर हाथ रखकर जा बेटा अब सो जाओ कल शादी है और सुबह पूजा भी है इसलिए आराम कर लो।
जिया हां मैं सर हिला देती है। और अपने कमरे की तरफ निकल जाती है। जिया के जाते ही रमा जी रोने लगती है। सौरभ जी रमा जी को समझाते हैं और उन्हें आराम करने को बोलते हैं।
आज शादी थी। जिया के हाथ से पूजा हो रही थी। ईशा और राघव अपने कमरे की बालकनी में खड़े सब कुछ देख रहे थे।
जिया की बुआ जो सब उन्हें दीदी कहते हैं वो भी आ चुकी थी। ईशा को पता नहीं था। बुआ जी आए हैं इसलिए वो बेखबर नीचे आ जाती है। दीदी उसे देखकर गुस्सा होने लगती है।
अरे हो सौरभ सौरभ जी दीदी की आवाज सुनकर उसके पास आता है। यह लड़की यहां क्या कर रही है? तुने तो बोला था ना तु किसी अच्छे और भले परिवार से जिया की शादी कर रहा है फिर यह यहां क्यों आई है।
ईशा अपने बारे ऐसा सुनकर आंख नम हो जाती है। पिछे आता हुआ राघव भी यह सब सुन लेता है।
जिया बुआ के पास आकर बुआ जी ईशा मेरी फ्रेंड है मेरी बहन जैसी है और अब तो मेरी ननद भी है।
बुआ जी यह सुनकर खड़ी हो जाती है। क्या बोली तु? ईशा तेरी ननद है तेरी शादी उस राहुल से हो रही है?
जिया हां मैं सर हिला देती है। सौरभ जी दीदी दोनों बच्चे एक दूसरे को पसंद करते थे इसलिए।
चुप रहे तेरे से अपनी बेटी के लिए एक अच्छा घर नहीं ढूंढा गया तु मुझे क्या समझाएगा।
जिया बुआ जी के पास आकर बुआ जी आप किस घर को अच्छा घर कहती हैं। वो घर जहां फूफाजी आपको मारते थे। या वो अच्छा कर जहां आपकी सास ने आपको मारने की कोशिश की थी।
बुआ जी जिया की बात सुनकर कुछ नहीं बोलती है।
बोलिए ना बुआ जी क्या बुराई है। राहुल के परिवार मे क्या बुराई है ईशा में?
जो कुछ भी हुआ इसकी तो कोई ग़लती नही थी ना फिर क्यों सजा इसे मिल रही है। आलोक अंकल ने तो ईशा को अपनी बेटी मानकर कोई गुनाह तो नहीं किया फिर वो परिवार अच्छा क्यों नहीं है?
बुआ जी वहां से भागकर कमरे में चली जाती है। ईशा की आंख में आसूं बहने लगते हैं। राघव उसे सम्भालता है।
जिया भी बुआ जी के पीछे पीछे जाती है। रमा जी भि जाने को होती है पर सौरभ जी रोक लेते हैं। उन्हें पता था जिया से ज्यादा उनकी बहन को और कोई नहीं समझा सकता है।
जिया बुआ जी के पास आकर बुआ जी माफ़ कर दिजिए मुझे मेरी बात को आपको बुरा लगा हो तो पर आज यह शादी नहीं टूट सकती है। राहुल की नाम की मेंहदी मेरे हाथों में रच चुकी है अब।
बुआ जी जिया की तरफ देखकर कास बात को बुरा लगेगा मुझे तु जो कहा वो सब सही तो था। मैं पता नहीं क्यों अच्छा परिवार ढुढने में लगी थी। जब मैंने खुद का परिवार अच्छा नहीं मिला फिर भी मैं तुम्हारे लिए सही ग़लत नहीं समझ पाई।
माफ़ कर दे अपनी बुआ को इस खुशी के मौके पर मैंने तुम्हारी खुशी पर नजर लगा दी।
जिया रोते हुए उनके गले लग जाती है।
ईशा अपने आप को शांत कर लेती है। राघव ईशा को लेकर कमरे में आ जाता है। राहुल और आलोक जी के परिवार को अभि तक इस बारे में कुछ पता नहीं था। क्योंकि वो बारात लाने वाले थे इसलिए उन्होंने पास वाली होटल ली थी आज के लिए।
ईशा और राघव भी वही चले जाते हैं। पर वहां किसी को इस बारे में बताते नहीं है।
जिया बुआ जी के साथ बाहर आती है। दोनों का राजी देखकर सब खुश हो जाते हैं।
जिया ईशा को फोन करके सब बता देती है। ईशा भी खुश थी बुआ जी शादी को राजी है अब।
जिया को पार्लर वाली तैयार करने को आती है। ईशा अपने कमरे में तैयार हो रही थी राघव तैयार होकर राहुल को तैयार करने चला गया था।
राहुल को तैयार करने जाते समय राघव का फोन बजता है फोन उठाकर हा सिंह साहब हां आपके मैनेजर का फोन आया था। हां यह चार मंथ बाद है। हां आप चिंता मत कीजिए। फोन रखकर राघव राहुल के कमरे में चला जाता है।
बुआ जी जिया के लिए बहुत अच्छा ज्वैलरी सेट लाती है। जिया आज शादी में वही पहनती हैं।
राहुल बारात लेकर आ जाता है। रमा जी और सौरभ जी साथ में बुआ जी सबका स्वागत करते हैं। राहुल की रमा जी आरती उतारकर घोड़ी पूजती है। जब राहुल की नाक खिंचने की बारी आती है। आदित्य रूमाल आगे कर देता है। पर रमा जी राहुल की नाक खिच देती है।
यह को मंडप में बैठाया जाता है। ईशा और राघव दोनों राहुल के पास पिछे बैठ जाते हैं। बुआ जी ईशा के पास आकर ईशा बेटा माफ़ कर देना मुझे हमेशा तुम्है बुरा बोला है मैंने।
ईशा मुस्करा कर आप हमसे बड़ी है इसलिए आपकी बातों को कभी दिल पर नहीं लिया मैंने आप माफी मत मांगिए।
बुआ जी ईशा के सर पर हाथ रखकर खुश रहो हमेशा। राघव भी मुस्कुरा जाता है। राहुल को बुआ जी और ईशा की बात सुनाई नहीं देती है। वो ईशा की तरफ देखकर इशारा करता है। पर ईशा मुस्करा कर ना मैं सर हिला देती है। सब सही है कि इशारा कर देती है।
जिया को ईशा और रमा जी लेकर आते हैं।
बैकग्राउंड म्यूजिक
सैंया दिल में आना रे
आके फिर न जाना रे
ओ आके फिर न जाना रे
छम छमा छम छम
राजा बन के आना रे
मोहे लेके जाना रे
ओ मोहे लेके जाना रे
छम छमा छम छम
चाँदनी रात होगी
तारों की बारात होगी
पहली-पहली प्यार की
पहली पहली बात होगी
खुशी-खुशी गाएंगे, हम गीत सुहाना रे
सैंया दिल में आना रे…
जिया मंडप के पास पहुंच जाती है। राहुल अपना हाथ आगे करता है। जिया राहुल के हाथ में अपना हाथ देती है। मंडप आकर दोनों एक दूसरे की आंख में खो जाते हैं।
ईशा खांसने का नाटक करती है। दोनों होश में आते हैं। जिया और राहुल को वरमाला दि जाती है। जिया राहुल को वरमाला पहनाती है। राहुल जिया को पहनाने लगता है। ईशा उसे अपनी तरफ खिंच लेती है। पर राहुल वरमाला डाल देता है।
तालियों और फूलो की बारीश होने लगती है।
जिया और राहुल के फेरों के बाद राहुल जिया के मांग में सिंदूर भरता है। मंगलसूत्र पहनाकर दोनों हमेशा हमेशा के लिए एक पवित्र बंधन में बंध जाते हैं।
ईशा राघव और जिया राहुल चारों एक फ्रेम में फोटो खिंचवाते हैं।
समाप्त
pooja goyal