विनीता का दो भाई थे एक भाई उसी शहर में रहता था और नौकरी करता और दूसरा भाई किसी गांव में नौकरी करता था पर उसके पत्नी और बच्चे अपने दादा दादी के पास ही रहते थे
1अप्रैल की रात को 3 बजे अचानक विनीता का फोन बजता है
सबकी नींद खुल जाती है किसका फोन है कहकर विनीता फोन देखती है और कहती हैं ये तो शामु भाई का फोन है
इतनी रात को शामु का फोन क्यों आया होगा
मां कोई जरुरी काम होगा आप चिंता मत किजिए मैं वापस लगा कर देखती हूं फोन
विनीता फोन करती है हां शामु भाई क्या हुआ आपने फोन किया
हां विनिता वो में 10 मिनट में घर पहुंच रहा हुं तु दरवाजा खोलकर रख
ठीक है भाई
क्या हुआ क्या बोला शामु सब ठीक है ना
हां मां सब ठीक है वो भाई घर आ रहे हैं इसलिए दरवाजा खोलने को बोला है
विनीता दरवाजा खोलकर वहीं सिढियो के पास बैठ जाती है पर 10 मिनट से 20 मिनट हो गए पर अभी तक शामु नहीं आया था
विनीता अपने भाई को वापस फोन करती है तो कोई फोन नहीं उठाता है तो विनीता सोचती है कि रास्ते में होंगे
ऐसे ही इंतजार में 4:30 बज गए थे घर मे सब की आंख लग चुकी थी विनीता वहीं सिढियो मैं बैठी झपकी ले रही थी बार बार शामु को फोन करती नहीं उठाता तो टेंशन होने लगती
सुबह 4:30 अचानक विनीता का फोन बजता है तो देखती है शामु का फोन है
हैलो भाई कहा हो आप आय नहीं अभी तक आप
उधर शामु की हंसी छुट जाती है वो जोर जोर से हंसने लगता है
हंसते हंसते बोलता अरे मेरी बहना आज फर्स्ट अप्रैल है और तु अप्रैल फूल बन गयी है
उसका इतना बोलती ही विनीता सब समझ जाती है और थोडे गुस्से से बोलती है क्या भाई आप भी मैं तीन बजे से उठी हुई और आपको मैं ही मिली थी घर में ।
सॉरी विनु तु ही सबसे छोटी है तो बना दिया तुझे अप्रैल फूल।
फिर दोनों भाई बहन हंसने लग जाते हैं
ये थी भाई बहन की नोंकझोंक अप्रैल फूल के बारे में
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