हम सब ने कही ना कही एक बात सुनी होगी। बेटी करें तो सही,बहू करें तो ग़लत।
तो आज की कहानी भी इसी पर है चलिए शुरू करते हैं।
अरे तुम्हें पता मिसेज शर्मा जी की बहू कमाने जाने लगी है। मिसेज सिंह और मिसेज बजाज बाहर खड़ी मिसेज शर्मा को देखकर धीरे से बोलती है।
हा मिसेज सिंह मैने भी सुना था किसी से मिसेज शर्मा की बहू कमाने जाने लगी है। मिसेज बजाज मिसेज शर्मा के घर की तरफ देखकर चलो थोड़ा मिसेज शर्मा के मजे तो लेकर आए हम।
हा हा चलों। मिसेज सिंह और मिसेज बजाज दोनों मिसेज शर्मा के घर की तरफ बढ़ जाती है। मिसेज शर्मा कैसी है आप? दोनों बाहर खड़ी मिसेज शर्मा को आवाज देती है।
मिसेज शर्मा आवाज सुनकर बाहर आती है। अरे आप दोनों आईए ना अन्दर। मिसेज सिंह और मिसेज बजाज अन्दर आ जाती है।
मिसेज शर्मा उन दोनों के लिए पानी लेकर आती है। दोनों एक दूसरे को देखकर मिसेज शर्मा को देखकर अरे मिसेज शर्मा आप पानी क्यों ला रही है। बहू है ना घर पर वो कर लेगी ना।
मिसेज शर्मा मुंह बिगाड़ते हुए। कहा की बहू आते ही कमाने जाने लगी है। पता नहीं कैसी बहू आ गई है हमारी तो सारा दिन कमाने जाती है। रात को आठ बजे खाना बनाती है। सुबह का नौ बजे तक जिताना काम होता है उतना करके जाती है बाकी मुझे करना पड़ता है।
मिसेज शर्मा की बहू नेहा अपनी सास की बातें सुन रही थी। वो बाहर पडोसी से मिलने आने वाली थी। पर अपनी सास की बात सुनकर वो वहीं रूक जाती है।
मम्मा मेरे जूते कहा है। मिसेज शर्मा की बेटी दिव्या अपनी मां को आवाज़ लगाती है। दिव्या की शादी हो चुकी थी। वो ससुराल से ज्यादा पिहर मैं रहती थी।
हा बेटा वहीं रखें है जूते तेरे मिसेज शर्मा बाहर बैठी चिल्लाती हुई बोलती है।
दिव्या बेटी को बहुत अच्छा ससुराल मिला है। नौकरी करती है। सास खाना बनाकर खिलाती है मेरी बेटी को तो। पति तो उसे पलंग से नीचे नहीं उतरने देता है।
अब क्या करें बहू तो ऐसी ही मिल गई है। पर जलाई बहुत अच्छा मिला है।
मिसेज शर्मा की बात सुनकर मिसेज सिंह और मिसेज बजाज दोनों हैरान रह जाती है। बेटी करे जो सही बहू करे तो ग़लत।
मिसेज सिंह और मिसेज बजाज बाहर आकर दोनों बालकनी में खड़ी आंसु बाहर रही नेहा की तरफ देखकर तरह आने लगता है।
हम तो मिसेज शर्मा का मजा लेने गए थे। पर इनकी बातें सुनकर लगता नहीं है बहू ज्यादा दिन तक टिकने वाली है।
कैसा लगा आप सब को कहानी समीक्षा जरुर दे।
धन्यवाद
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