मेरा भाग्य मेरी बेटी ही है लोग सच कहते बेटी होने से भाग्य बदल जाता है जैसे वेदना का भाग्य उसकी बेटी होने से बदल गया
वेदना अपने मां बाप की इकलौती संतान थी वेदना की शादी उसके मां बाप ने छोटी उम्र में कर दी थी
वेदना शुरू शुरू में ससुराल में सब का मन जीत लेती है पर वेदना की शादी को 2 साल हो चुके होते हैं पर अभी तक वो मां नहीं बनीं होती है और वेदना की एक जेठानी भी होती है वो भी मां नहीं बनीं होती है बल्कि उसकी जेठानी मां नहीं बन सकती डाक्टर ने ये भी कह दिया था
सास सब उम्मीद वेदना पर लगा रखी थी की कब वेदना उसे वंश बढ़ाने के लिए एक पोता दे
एक दिन वेदना को सुबह से चक्कर आ रहे थे उसकी जेठानी मिना ने उसे आराम करने को भी कह दिया था और खुद घर का सारा काम करने लगी
वेदना कमरे में आकर आराम करने लगी शाम जब वो उठी तो पूरे शरीर में थकान सी लग रही थी वेदना जब नीचे आई तो सास ने उसे मुंह उतरा हुआ देखा और अपने पास बुलाया
वेदना से पूछने वेदना ने उन्हें सब बता दिया
उसकी सास ने वेदना को दिखाने को बोला और उसे अपने साथ हास्पिटल ले गयी
वेदना के नंबर आने पर डाक्टर ने जांच करवाने को बोला
वेदना और उसकी सास जांच करवाकर घर आगयी क्योंकि रिपोर्ट कल आने वाली थी
सुबह से वेदना की तबीयत और खराब लग रही थी तो वो और उसकी सास आज रिपोर्ट लेने हास्पिटल जाते हैं
डाक्टर रिपोर्ट देखकर बोलती है बधाई हो वेदना तुम मां बनने वाली हो
दोनों सास बहू ये बात सुनकर बहुत खुश हो जाते हैं डाक्टर वेदना और उसकी सास को थोड़ा समझाकर और दवाईयां लिखकर देते
वेदना का घर में सब बहुत ध्यान रख रहे होते हैं वेदना के मां बाप तो कब के चले गए थे उसकी शादी के 5 महीने के बाद ही इस समय वेदना को अपनी मां और पापा की कमी महसूस हो रही थी पर उसकी सास उसका पूरा ख्याल रख रही थी और सब को यही कह रही अब मेरे घर एक बार गोपाल आने वाला वेदना ये बात का डर था कहीं उसकी बेटी हो गई तो क्या होगा
वेदना की सास सभी बाबाओं सभी मन्दिर में जाकर आती कहीं से प्रसाद लेकर आती और वेदना को खिला देती
वेदना इतना आराम करने पर भी उसकी तबीयत बिगडी हुई रहती उसे डर था अगर बेटी हो गयी तो क्या होगा
वेदना को रूटिन चेकअप के लिए हास्पिटल जाना होता है साथ में उसकी सास भी जाती है
वेदना को दूसरे कमरे में चेकअप के लिए भेज देती है जो पहले वाले कमरे से जुड़ा होता है और खुद डाक्टर से धीरे बोलकर पुछती है
मैडम मेरी बहु के पेट में बेटा है या बेटी
डाक्टर आज के जमाने में ऐसी बात की उम्मीद नहीं करती है और उनको नहीं बोलकर कह देती है माता जी हम ये आपको नहीं बता सकते हैं समय आने पर पता चल जायेगा
मैडम रुपए लेकर भी…..
माता जी एक बार बोला ना अगर आपने जोर जबरदस्ती की तो मुझे पुलिस बुलाना पड़ेगा ये बात पीछे खड़ी वेदना सुन लेती है और घबराने लगती है अगर बेटी हुई तो उसकी सास क्या करेगी
सही समय आने पर वेदना ने एक बेटी को जन्म दिया वेदना की सास को जब पता चला तो वो अपनी पोती का चेहरा देखे बिना घर चली गई पर वेदना का पती मोहित बहुत समझदार था और अपनी बेटी को गोद में लाकर वेदना के गोद में दे दिया वेदना एक बार तो सब दुख बुल गयी उस नन्ही सी जान को देखकर
वेदना जब घर आई तो उसकी सास का व्यवहार कुछ बदला सा नन्ही परी जब घर आई तो मोहित के फोन पर उसके बॉस का मेसेज आया कि जो प्रमोशन एक साल से रुका हुआ था वो प्रमोशन आज मिल गया है उसे मोहित खुशी के मारे नाचने का मन कर रहा था और अपनी बेटी को खोल में लेकर बोलता आज आपके आते ही मेरा प्रमोशन हो गया है उस कमरे में सब बैठे खुश हो जाते हैं मोहित के प्रमोशन की खबर से सुनकर
थोडे दिनों बाद पता चलता है की वेदना की जेठानी मां बनने वाली हैं पूरे पांच साल हो गए शादी को पर मां बनने का सुख उसे नन्ही परी के घर में कदम रखने से हुआ अब वेदना की सास भी उस नन्ही परी को चाहने लगी थी और नामकरण में वेदना ने अपनी बेटी का नाम भाग्यश्री रखा जो सब का भाग्य बदल दिया और अपना भी
समाप्त
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||पूजा गोयल||