डॉक्टर दोस्त | doctor dost

नन्दनी बेटा आराम से आप गिर जाओगे बेटा आराम से

मम्मा नन्दनी ने रोते हुवे बोला

बेटा मैंने बोला था ना आराम से आप गिर जाओगे

लगी मेरी बेटी को नन्दनी के हाथ से खून निकल रहा था

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नन्दनी को गोदी में उठा कर मिनाक्षी उसे पास में नयी खुली हॉस्पिटल में लेकर गयी

हॉस्पिटल में पहुंचने पर पहले परचा बनवाया

बची का नाम

नन्दनी मिनाक्षी ने जवाब दिया

उम्र

5 साल

ये लिजिए परचा अभी बच्चों के डाक्टर

रींकी मैम है आप उनको दिखा दिजिए

रींकी का नाम सुनकर मीनाक्षी बोलती हैं रींकि

हा मैंम ‌रींकी सिंह नाम उनका यहां से दाई ओर 2 नंबर कमरा उनका है मैंम

मिनाक्षी के हाथ में परचा देते हुवे बोली

मिनाक्षी नन्दनी को लेकर कमरे के पास आई मिनाक्षी कहीं खोई हुई सी लग रही थी

मिनाक्षी कमरे के बाहर देखती है 2-3 बच्चों को लेकर उनके मम्मी पापा बैठे थे

कमरे से एक लड़की बाहर आई उसके कपड़े से लग रहा था कि वो एक नर्स है

वो मिलना के पास आई हैलो मैम मिनाक्षी अपनी सोच में थी उसे किसी की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी।

वो नर्स एक बार फिर बोलती है

हैलो मैंम

मिनाक्षी नर्स की तरफ देखती है

जी

मैम आपको रिंकी मैम को दिखाना है?

जी हां ये मेरी बेटी है मिनाक्षी ने अपनी बेटी की तरफ देखकर बोला इसके हाथ में चोट लगी है मैंने घर पर दवाई लगाई है पर उसे ठीक नहीं हुआ है इसलिए इसको दिखाना है कितना टाइम लगेगा मिनाक्षी नर्स से पुछती है

नर्स-मैम आघा घण्टा लगेगा

ठीक है

नर्स मिनाक्षी के हाथ से पर्चा लेकर चली जाती है

मिनाक्षी वहीं बैठी सोचती है रिंकी सिंह क्या यह वही रिंकी है जिसे मैं बचपन में जानती हूं पर वो तो रिंकी श्रीवास्तव थी अब वो सिंह कैसे बन गई

रिंकी वहीं बैठे आंख बन्द करके अपने बचपन के समय चली जाती है

अरे रिंकी रुक ना कहा जा रही है

मिनाक्षी मैं कहां जाऊंगी स्कूल ना और कहा

रुक ना मैं भी आ रही हूं

रिंकी और मिनाक्षी दोनों बचपन की दोस्त हैं उनके परिवार वाले मध्यम वर्ग के हैं

रिंकी और मिनाक्षी के दोनों के पिता एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे

रिंकी और मिनाक्षी  17 साल की थी दोनों ने 8क्लास पास की थी उस दिन जब रिंकी और मिनाक्षी के स्कूल से रिजल्ट लेकर घर आये तो देखा रिंकी के पापा और पड़ोस मैं रहने वाले अमित के पापा के बीच लड़ाई हो रही है

रिंकी और मिनाक्षी दोनों वहीं आ गई

मिनाक्षी के पापा रिंकी कज पापा को समझा रहे थे

पर वो कुछ समझने को तैयार नहीं थे

बात इतनी सी थी रिंकी के पापा ने उनके घर के पास स्कूटी लगा दी

इतने में अमित के पापा रिंकी के पापा पर आ बरसा वो बात ये थी अमित के पापा रिंकी को अपने बेटे के लिए पसंद करते थे उनका बेटा भी रिंकी को बहुत पसंद करता था पर रिंकी उसके तरफ कभी देखती नहीं थी

एक बार अमित के पापा रिंकी के घर उसका रिश्ता लेकर आये अपने बेटे के लिए पर रिंकी के पापा ने मना कर दिया 

जब से अमित के पापा रिंकी के पापा को नीचा दिखाने की सोच रहे थे

अमित वहां बार बार रिंकी की तरफ देख रहा था पर रिंकी उसकी तरफ ना देखकर अपने पापा को‌ समझाकर घर लाती है मिनाक्षी पानी लाकर देती है

पापा वो परिवार तो ऐसा ही है आप अपनी तबियत क्यों खराब कर रहे हो ‌पापा चलिए अब आप आराम कीजिए

रिंकी अपने पापा को‌ अन्दर कमरे में लेकर चली आती है

रिंकी मिनाक्षी घर आती है

मनु मनु रिंकी ‌मिनाक्षी को प्यार से मनु बोलती थी

हां बोल रिंकी क्या हुआ

क्या हुआ मनु अभी बाहर देखा नहीं क्या हुआ जो

मनु रिंकी का हाथ पकड़कर अपने पास बैठाती है

रिंकी तु इन सब में ज्यादा ध्यान मत दे देख तुम्हारे पापा का सपना है तुझे डाक्टर बनकर देखने का तु अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें

नहीं मनु अगर इस बार उस अमित के परिवार वालों ने कुछ किया तो मैं छोडुगी नहीं

रिंकी शांत

देख अंकल का तेरे सिवा और कोई अपना नहीं है तु कुछ करेगी फिर अमित की परिवार वाले कुछ करेंगे  ये तो ऐसे चलता रहेगा

ये ले बातों बातों मैं तुझे ये बताना ही बुल गरी आज रात मैं मंजू बुआ के घर जा रही हूं कल रात तक वापस आ जाऊंगी तुझे कुछ काम हो तो तु मेरी मम्मी भाई को बुला लेना मैं पापा के साथ जा रही हूं

अरे ऐसे अचानक कैसे जा रही है वो मंजू बुआ का बहुत बार फोन आ गया था इसलिए

ठीक है ध्यान से जाना है

हमम्म्म

रिंकी अपने घर आ जाती

मिनाक्षी अपने पापा के साथ अपने बुआ के रवाना हो जाती है

रिंकी खाना खाकर सो जाती है

सुबह रिंकी 6 बजे उठ जाती नहाकर खाना बनाती है फिर‌ स्कूल के लिए तैयार होती है

रिंकी स्कूल के लिए रवाना हो जाती अपने पापा को कहकर

रिंकी के जाते ही 15-20 मिनट बाद एक आदमी रिंकी के घर का दरवाजा खटखटाता है रिंकी के पापा दरवाजा खोलते हैं देखते  हैं सामने पोस्टमेन खड़ा होता है

जी कहिये

आपका नाम भंवर लाल है

जी हां

जी आपके नाम ये आया है

एक लिफाफा निकालकर भंवरलाल को देता है भंवरलाल उस लिफाफा को खोलता है जब तक वह पोस्टमेन चला जाता है

लिफाफा पर किसी भेजने वाले का नाम नहीं होता है

भंवरलाल लिफाफा खोलकर देखता है उसमें कुछ फोटो होती है उन फोटो को देखते ही भंवरलाल की आंखें गुस्से से लाल हो जाती है वो जोर से चिलाता है रिंकी

इतना जोर से चिलाता है कि उसकी आवाज मिनाक्षी के घर तक गयी

मिनाक्षी की मां और भाई जल्दी से रिंकी के घर आते हैं

क्या हुआ अंकल

क्या हुआ भाईसाहब

रिंकी के पापा के हाथ से फोटो गिर जाती है

मनु का भाई वो फोटो उठा कर देखता है

वो देखता रह जाता है

क्या बेटा इसमें मनु का भाई फोटो अपनी मां की तरफ बढ़ा देता

मनु की मां फोटो देखकर चौंक कर जाती है

नहीं रिंकी बेटी ऐसा नहीं कर सकती भाईसाहब

रिंकी के पापा फोटो देखकर बहुत बड़ा झटका लगा था इसलिए वो कुछ बोल नहीं रहे थे

अचानक वो बेहोश हो गये मनु के भाई ने उनको संभाला

मनु की मां पानी लेकर आई भंवरलाल के चेहरे पर छिड़कने लगी

धीरे धीरे भंवरलाल को होश आया

मनु के भाई ने उसे थोड़ा पानी पिलाया

अंकल ये सब क्या है और ये फोटो किसने भेजा है

भंवरलाल कुछ बोलने की हिम्मत नहीं थी

मनु का भाई रिंकी के स्कूल में फोन कर के रिंकी को घर बुलाता है

रिंकी के घर आने से पहले उसके मोहल्ले वाले को उस फोटो के बारे सब पता चल चुका था

रिंकी जब अपने मोहल्ले में आती है सब उसको का जाने वाली नजरों से देखते हैं

रिंकी मन में सोचती ये सब उसे इस नजर से क्यों देख रहे है

रिंकी घर आती है

मनु का भाई दरवाजा बंद कर लेता है

रिंकी सामने बैठे अपने पापा को देखती है क्या हुआ पापा आपने इतनी जल्दी मुझे स्कूल से क्यों बुलाया है

रिंकी ये क्या हैं

क्या रवि भाई

ये फोटो ले और देख

मनु फोटो लेती है देखते ही आंखें चौड़ी हो जाती है

नहीं ये म…मैं नहीं है

अपने पापा के पास आकर

प…..पापा ये मैं नहीं हु

मैं कभी ऐसे कपड़े नहीं पहने हैं

प्लीज़ पापा आप मुझ पर विश्वास कीजिए

भंवरलाल खड़ा होता है रिंकी के गाल पर एक थप्पड़ लगाता है 

क्या झूठ है रिंकी बोल क्या झूठ है ये फोटो झूठ है या ये तेरे कपड़े झूठ है या ये तेरे साथ जो ल़डका हो रहा है वो झूठ है

बोल क्या झूठ है

अरे भंवरलाल इतना गुस्सा क्यों कर रहे हो अरे तुम्हारी बेटी की शादी मेरे बेटे अमित से करवा देता तो ऐसा दिन देखने को नहीं मिलता अभी भी वक्त है तुम अपनी बेटी की शादी मेरे बेटे से करवा दो मैं तुम्हारी बेटी को अपनाने को तैयार हूं 

मनु के भाई को गुस्सा आ रहा होता है क्योंकि उसे पता है ये सब चाल अमित और उसके बाप‌ की है

वो कुछ बोलने वाला ही था की उसकी मां ने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया ना मैं गर्दन हिला दी

मनु का भाई कुछ नहीं बोला

सोच लो भंवरलाल मोहल्ले में सब को पता चल गया है कोई नहीं अपनायेगा तुम्हारी बेटी को बदलामी होगी वो अलग

भंवरलाल शादी के लिए हां कह देता है

हां सुनकर जहां अमित और उसके पापा को खुशी हुई वहीं मनु के भाई और मां को आश्चर्य हुआ

तो ठीक है शादी करनी ही है तो आज रात को ही कर देते हैं क्यों सही है ना भंवरलाल अमित के पापा भंवरलाल की तरफ देखकर कहते हैं

अरे अब तो हम एक परिवार हो गये तो आओ गले मिलते है

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अरे ओई राजू (अमित के घर का नौकर) जी बड़े साहब वो सभी मोहल्ले वाले को शादी में आने को कहना हमारे अमित बेटा की शादी है

जी बड़े साहब

अरे सब शादी की तैयारी करो

सब शादी की तैयारी में लग जाते हैं रिंकी अपने कमरे में रो रही होती हैं

उसपर ध्यान देने वाला कोई नहीं होता है

शाम 5 बजे रिंकी अपने कमरे में होती है तभी कोई उसका कमरा खटखटाता है रिंकी दरवाजा खोलती है सामने कोई 2 लड़की खड़ी होती है

आपका नाम रिंकी है

हां

हम ब्यूटी पार्लर से आपको तैयार करने आए है

वो दोनों रिंकी के कमरे में आती है

उसे तैयार करने लग जाती है

रिंकी अपनी मां की फोटो देखकर बार बार ‌रोती है रिंकी की मां इस दुनिया में नहीं थी

ब्यूटी पार्लर रिंकी को तैयार करती है तब तक 7:30 बज जाते हैं

नीचे से मेहमान आना शुरू हो जाते हैं

मेहमान तो क्या सब अमित के परिवार वाले ही थे क्योंकि रिंकी के परिवार में ज्यादा कोई नहीं था अचानक शादी में सिर्फ उसके चाचा आ पाये और कोई नहीं

रात के 8 बज रहे होते हैं

मिनाक्षी भी अपने पापा के साथ वापस आगयी

बस बस भैया यही रोक दिजीए

कितना हुआ भाईसाहब

70 रुपया

ये लिजिए

चल मनु

मिनाक्षी की नजर रिंकी के घर की तरफ जाती है

वहा बहुत भीड़ लगी होती है

यह रिंकी के घर बहुत भीड़ क्यों है आज

मनु और उसके पापा अपने घर आते हैं

मनु की मम्मी नीचे होल मैं खड़ी होती है

मनु आते ही मम्मी क्या हुआ आज रिंकी के घर इतनी भीड़ क्यों है

मनु की बेटा आज रिंकी की शादी है

क्या शादी वो भी रिंकी की

हां शादी रिंकी की

पर मां कल ही तो मैं रिंकी से मिली थी उसने तो कुछ नहीं कहा ऐसा‌ यह अचानक शादी कैसे और किसे शादी हो रही है

अ…अमित से

क्या अमित से पर अचानक शादी वो भी अमित से क्या हुआ है मां बताईए ना आप

मनु का भाई घर के अन्दर आकर मनु जा तु अपने कमरे में जा और तैयार हो जा शादी में जाने के लिए

पर भैया

पर वर कुछ नहीं जा तु कमरे

मनु अपने आंखों में आसूं लेकर ऊपर आ जाती है

मनु के पिता रामजी अपनी पत्नी कुसुम से पुछते है

अब बता कुसुम क्या बात है कुसुम जी रामजी को सभी बात बता देती है ये सब बात ऊपर खड़ी मनु भी सून लेती है

वो आश्चर्य से देखने लगती अपने आप मैं ही बोलती है

मनु की शादी अभी तो वो 18 की भी नहीं और उसके डाक्टर बनने का सपना उसका क्या ये अमित को तो मैं छोडुगी नहीं

सबसे पहले मुझे रिंकी से बात करनी होगी

मनु तैयार होकर नीचे आती है

अपने भाई और मम्मी पापा के साथ रिंकी के घर आती है

रिंकी के पापा से पूछ कर रिंकी के कमरे की तरफ जाती है

मनु कमरे का दरवाजा खोल कर रिंकी रिंकी कहा है तु

मनु की नजर खीडकी की तरफ जाती है

वहा पलंग से दुपट्टा बांधा होता जो खिड़की से नीचे उतरने मैं सहायता करते हैं

मनु जोर से चिल्लाती है रिंकी

सब मनु की आवाज सुनकर ऊपर कमरे में आते हैं

क्या हुआ

सब खिड़की तरफ देखते हैं

ये लो रिंकी तो भाग गयी

अरे ये तो ऐसी ही लड़की थी

सब मोहल्ले वाले रिंकी के बारे में और उसके पिता के बारे में बेकार बातें बोलने लगते हैं

राजू

जी बड़े साहब

गाड़ी निकालो

गाड़ी में अमित के पापा और 2-4 नौकर साथ रिंकी को ढूंढने निकलते हैं

2 घंटे निकलन जाते पर रिंकी अब तक नहीं मिलती है

वापस सब घर आ जाते हैं साथ में रिंकी को ना देखकर सब सोच लेते हैं रिंकी अभी तक मिली नहीं है

अचानक मिनाक्षी का फोन बजता है

वापस वर्तमान मैं आती अपने बैग से फोन निकालती है

मिनाक्षी का पति का फोन होता है

हैलो मिनु

हां ललित

कहा हो तुम

में हास्पिटल में हूं

हास्पिटल वहा क्यों गयी हो

वो नंदू को चोट लग गई है इसलिए दिखाने आई हूं

मैं भी आता हूं तुम किस हास्पिटल में हो

ललित मेरी बात सुनो तुमे आने की कोई‌ जरुरत नहीं है

नंदू को सिर्फ हाथ में हल्की सी चोट‌ लगी टेंशन की कोई बात नहीं है ललित तुम आफिस में काम करो चिंता मत करो

ठीक पर आज मैं आफिस से जल्दी आ जाऊंगा

हम्म्म्

फोन रख देते हैं दोनों

मनु मन मैं सोचती अगर ये मेरी वाली रिंकी हुई तो मैं इसे जरूर पूछूंगी अपनी मनु को छोड़ कर कहा चली गई थी

इतने में नर्स की आवाज आती है

नन्दनी

मिनाक्षी नन्दनी को लेकर डॉक्टर के केबिन की तरफ जाती है केबिन का दरवाजा खोल कर अन्दर आती है

सामने‌ एक लड़की खड़ी होती है जिसका पीठ मिनाक्षी की तरफ होता है और फोन से बात कर रही होती हैं

मनु केबिन में आकर कुर्सी पर नन्दनी को‌ लेकर बैठ जाती है

रिंकी बात करके जैसे ही मिनाक्षी की तरफ मुड़ती है दोनों एक दूसरे को देखती रह जाती है

मिनाक्षी के आंखों में आसूं आ जाते हैं

रि..रि.. रिंकी मिनाक्षी रोती हुई बोलती है

रिंकी के भी आंखों में आसूं आ जाते हैं

मिनाक्षी रिंकी के गले लग जाती है दोनों 12-13 साल बाद मिलते हैं तो दोनों ही रोने लग जाते हैं

मिनाक्षी रिंकी के आंसु पोछती है उसका हाथ लेकर उससे पूछती है रिंकी कहा चली गई थी तु  जाने पहले एक बार तो मेरे से मिल लेती एक बार भी तुझे ये ख्याल नहीं आया की मैं मिनाक्षी से मिलू

रिंकी मिनाक्षी की बात सुनकर उसकी अतीत में चली जाती है उसके दिया में अतीत की सोर्ट फिल्म चल रही होती हैं

मिनाक्षी फिर बोलती है बोल ना रिंकी कहा चली गई थी तु और तु डाक्टर कब बनी तू वापस घर क्यों नहीं आई रिंकी

रिंकी मनु को बीच में ऱोकते हुवे बस-बस मैं तुझे सब बताऊंगी पहले तु ये बता यहा‌ क्यों आईं है

मिनाक्षी को याद आता है वो नंदनी को दिखाने आई थी

वो मैं मेरी बेटी नंदु को दिखाने आई थी क्या हुआ नंदू को नंदू के हाथ में चोट लग गई है इसलिए

मिनाक्षी नन्दनी को गोद में लेती है और उसका हाथ दिखाती है

रिंकी नंदू का चेकअप करके हाथ में दवाई लगाकर पट्टी कर देती है

और कुछ दवाएं भी दे देती है

अब बता रिंकी तु कहा चली गई थी

रिंकी एक लंबी सांस लेती है

तुझे अब क्या बताऊं उस रात तेरे से मिलकर दूसरे दिन तो पता नहीं मेरे साथ क्या हुआ इतना तो तुझे पता होगा मेरी और अमित की शादी तय हुई?

हम्म्म् इतना मुझे पता है तु ये बता तु उस दिन घर छोड़ कर क्यों गयी थी तुझे शादी नहीं करनी थी तो काकोसा को मना कर देती

तु मानती है मेरे मना करने से वो मानजाते नही ना मेरे पास और कोई आईडिया नहीं है मनु मैं क्या करती इसलिए मैं बिना बताए वहां से भाग गयी मैं तेरे से मिलना चाहती थी पर तु घर पर नहीं थी मैं सिधा माता के मंदिर गयी थी पर ‌भगवान मेरे किस्मत में उस दिन शादी लिखी ही थी जब मैं मंदिर पहुंची वहां एक लड़का खड़ा था यही कोई 22-23 उम्र थी उसकी उसने लाल कलर की शेरवानी पहनी थी
ऐसा लग रहा था आज उसकी शादी है मैं जब माता के मंदिर गयी वहां में माता से शिकायत करने लगी की मेरी किस्मत मैं मां तो पहले ही ‌नहीं थी अब क्या चाहती हो तुम अचानक मुझे चक्कर आने लगे उस‌ दिन सुबह से मैंने कुछ खाया नहीं थी इसलिए चक्कर आने लगे मुझे जब होश आया तो मैं उसी लड़के की गोद में सर था उसने मुझे पानी पिलाया और फिर वहां बैठे पंडित जी ने मुझे कुछ खाने को दिया तो थोड़ी खड़े होने की हिम्मत हुई वो लड़का बार बार मुझे ही देख रहा था मैंने उसको खाने को पूछा उसने ना मैं सर हिला दिया मैंने पूरा खाना खाया उस लड़के ने मेरे से मेरा नाम पूछा मैंने उसे घूरकर देखा अपना नाम बताया रिंकी उसने मेरे कपड़े देखकर बोला आप की आज शादी थी लगता मैंने उसे फिर घूरा और बोली तुमने कैसे पता वो फिर बोला तुम्हारे कपड़े देखकर। वैसे तुम्हारे कपड़े देखकर भी लगता है कि तुम्हारी भी आज शादी थी

उसने ने एक मुस्कान दी फिर बिना किसी भाव से हां आज मेरी शादी थी पर जिस लड़की से मेरी शादी थी वो लड़की किसी और से प्यार करती है ये मुझे आज सुबह शादी से पहले पता चला आज शादी के समय उस लड़की ने अपने असली रंग दिखा दिया वो जिस लड़के से प्यार करती थी उसके साथ भाग गई उसके भागने मेरी मां बहुत बिमार हो गई है वैसै मैं इतनी कम उम्र में शादी करने नहीं चाहता था पर मेरी की जिद आगे मुझे मानना पड़ा

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क्यों तुम्हारी मां ने तुम्हारी शादी की जिद की?

वो मेरी मां बिमार है उनको दो बार हार्ट अटैक आ चुका है डाक्टर को बताया है उनका कहना है कि मां अब थोड़े दिनों की है

ये कहते उसकी आंखें भर आईं और मेरी भी आंखें नम हो गई

काकी सा को याद करके

हां मनु मां को याद करके

फिर क्या हुआ रिंकी

फिर उसने मुझे पुछा तुम क्यों शादी से भाग कर आई हो कीसी के साथ भागने आई हो क्या कोई….

मैंने उसकी तरफ घूरा वो चुप हो गया मैंने उसे अपनी पूरी कहानी बताई जैसे जैसे मैं उसको बताती उसकी आंखें और चौड़ी हो जाती

मैंने उसे अपने बारे मैं और अपने सपने के बारे सब बता दिया था

उसने मुझे देखा और बोला तुम बुरा नहीं मानो तो एक कहु

मैंने उसकी तरफ देखा

वो फिर बोला तुम्हारे साथ कोई नहीं है अभी मेरी मां के लिए मुझे भी शादी करनी है तुम भी घर से भागकर आई हो क्यों ना हम शादी कर ले

मैंने उसकी तरफ आखे फाड़ कर देखा मैं तुम पर कैसे विश्वास कर लु कि तुम्हारी मां बिमार है और मैं तुमे बिना जाने कैसे शादी कर लू

माफ़ करना पर जिसके साथ तुम्हारी शादी होने वाली थी उसको जानती थी तुम अच्छे से नहीं ना रही मेरी मां बिमार मैं मेरी बहन को फोन लगाकर विडियो कालिंग करवाता हूं

विडियो कालिंग करने पर एक लड़की ने फोन उठाया जिसने बहुत भारी कपड़े और गहने पहने थे उनके पास मे कोई 45-50 उम्र की महिला सो रही थी

राखी मां कैसी है?

भैया मां को होश नहीं आया है। अभी तक आप कब घर आहोगे भैया?

थोड़ी देर में आ रहा हु

ठीक है भाई

मैं सिर्फ उसकी मां की तरफ देख रही थी जो बहुत सी मशीनों की बीच सो रही थी

फोन कट हुआ

अब तो तुमे विश्वास हो गया है ना मेरी मां बिमार है मैं तुमसे शादी के लिए नही बोल रहा हूं बस मेरी मां जब तक है उनको खुश रखना चाहता हूं मैं तुमसे शादी नही करुंगा बस तुम ऐसे ही मेरी पत्नी बनकर चलो प्लीज़ रिंकी मना मत करना

वो इतने प्यार से बोल रहा था मैं मना नहीं कर पाई और मुझे भी तो कहीं रहने की जगह ढूंढनी थी मैंने उसके सामने एक शर्त रखी की मुझे आगे पढ़ना और डाक्टर बनना है उसने भी हां कर दी तो मैं भी मान गयी थी हम लोगों ने मन्दिर में शादी नहीं की थी मन्दिर के पास एक माला वाला बैठता है उसे दो वरमाला ली एक उसने मेरे हाथ में दी और एक वो खुद अपने आप पहन गया और मुझे भी पहनने के लिए कहा। फिर मुझे बोला की तुम मेरी मां के सामने उनकी बहु होने का नाटक करना है मैंने सिर्फ उसकी तरफ देखा फिर उसने अपनी बाईक स्टार्ट की मुझे उसके पीछे बैठने का इशारा किया मुझे बाईक पर बैठना नहीं आता था उसने मुझे बैठना सिखाया था फिर अपनी घर की ओर ले गया घर पर आये तब घर का दरवाजा खुला था इतना बड़ा घर था मैंने आज तक कभी नहीं देखा घर क्या वो तो हवेली थी घर के अन्दर आकर साइड में बना एक बड़ा सा कमरा में लेकर गया वहां उसकी बहन और मशीनों में सो रही मां थी बहन ने अपने भाई को और मुझे माला पहने देख कर चौंक गयी अपने भाई से पूछती है भैया ये सब क्या है पर वो कुछ जवाब नहीं देता है

वर्तमान में

इतने मैं केबिन में नर्स आती है मैम ये 2 रिपोर्ट आई है वहां रिपोर्ट रखकर चली जाती है

तुझे पता है मनु मैंने उस लड़के का नाम भी नहीं पुछा था और मैं उस पर इतना विश्वास कर लिया की मैं उसके घर चली गई वो भी उसकी पत्नी बन कर

फिर क्या हुआ रिंकी?

होना क्या था शायद भगवान उस‌ दिन मेरी मांग मैं सिंदूर भर ना था

वो अपनी मां के पास बैठा था अपनी मां का हाथ अपने हाथ में लेकर रोने लगा रोते हुवे बोला मां देखो मैंने शादी कर ली है अब तुम जल्दी से ठीक हो जाओ प्लीज़ मां अपनी आंखें खोलो

पता नहीं कैसे चमत्कार हो गया उसकी मां अपने बेटे की आवाज सुनकर होश में आने लगी

अपनी मां को होश में आते देख दोनों भाई बहन बहुत खुश हुवे

उसकी मां ने आंखें खोली और अपने बेटे के गाल पर हाथ रख कर मेरा संजू

मुझे उसका नाम पहली बार मां के मुंह से सुना

उसकी मां मेरी तरफ देखती है कभी अपने बेटे की तरफ
संजू तुने शादी कर ली

हां मां मैंने शादी कर ली अब आप जल्दी कि हो जाईये

मेरी बहू आगयी है अब तो मैं ठीक हो जाउंगी

मेरी बहू मेरे पास आ

मैं डर के मारे कांप रही थी

मैं उसकी मां के पास गयी उसने मेरे सर पर हाथ फेरा और बोली सदा सुहागन रहे मैंने मन मैं सोचा अभी तो मैं सुहागन बनी ही नहीं हु

उनका ध्यान मेरी मांग मैं गया जहां सिंदूर नहीं था

अरे संजू ये वरमाला पहनने से शादी नहीं हो जाती है तुमने इसके मांग मैं सिंदूर तो लगाया  ही नहीं इतना सुनकर मैं और संजू एक दूसरे की तरफ देखने लगे

राखी बेटा

जी मां

वो मन्दिर में सिंदूर की डिब्बी और मंगलसूत्र है वो लेकर आना तुम

जी मां अभी लाई

मै बहुत ज्यादा कांपने लगी संजू मुझे ही देख रहा था उसे पता चल गया था की मुझे डर लग रहा है वो तो मुझसे मन ही मन प्यार कर बैठा पर मैं तो उसे जानती तक नहीं थी ऐसे उसकी पत्नी कैसे बन सकती थी

राखी सिंदूर और मंगलसूत्र लेकर आई उसकी मां संजू का हाथ पकड़ कर मेरे पास आने को कहा ये सिंदूर बहु के मांग मैं लगा

हाथ तो संजू के भी कांप रहे थे मांग भरने में मैं उसे इशारें में ना कहती रही और उसने अपनी मां के कहने मांग और मंगलसूत्र दोनों पहना दिया मेरी आंखों से आंसु आने लगें

पर क्या करती मैं उस‌ समय पर संजू ने मांग जरूर भरी थी पर वो‌ कभी मेरे साथ जबरदस्ती नहीं की थी मैंने धिरे धिरे घर की सारी जिम्मेदारी लें ली थी और साथ में अपनी पढ़ाई भी शुरू कर दी थी मेरी सास और ननद दोनों ही बहुत अच्छे जब उनको ये पता चला मैं घर से भागकर आई हूं तो उन्होंने मुझे कभी घर की कमी महसूस नहीं होने दी

मेरी पढ़ाई चलती रही धीरे धीरे में और संजू भी पास आते रहे और मेरी सास भी पहले से बहुत ठीक हो चुकी थी

मेरी डाक्टर की डिग्री लेने जब कालेज गयी संजू भी मेरे साथ था डिग्री मिलने के बाद जब बाहर आई तो देखा की बहुत तेज बारिश हो रही है तो तुझे पता है मुझे बचपन से बारिश में नाहना कितना अच्छा लगता है तो मैं भीगने लगी मैंने संजू को भी अपने साथ भीगा लिया संजू और मैं भीगने में इतना मज़ा आ रहा था बारिश बंद हो चुकी थी पर हर जगह पानी इतना भर चुका था घर जाना मुश्किल हो गया था मैं और संजू पास मे  होटल थी वहीं रुम लेकर बैठ गये मैं और संजू पूरा भीग चूके थे मेरे गिले बाल में पानी टपक रहा था मेरा सफेद डिजाइन दार कुर्ता गिले होने की वजह से बदन पर चिपक रहा था और फिर
फिर वही मैंने संजू को अपना शरीर सौप दिया था

वर्तमान में

आज तुझे पता है मैं एक बेटे की मां हूं और मेरी सास को गये 2 साल हो चुके है

तुझे कभी काकोसा की याद नहीं आई

बहुत याद आती पर कभी वहां जाने की हिम्मत नहीं हुई
तू तो मेरे पापा से मिलती होगी कैसे हैं वो

ठीक नहीं वो रिंकी उनको लकवा हो गया

क्या?

हां रिंकी वो अब मेरे मम्मी पापा के साथ ही उनके घर रह रहे हैं एक बार तो उनसे मिल ले जाकर

रिंकी कुछ नहीं बोलती है

मीनु के मोबाइल मैं कोल आता है देखती ड्राइवर को कोल है जो उसे लेने आया है ड्राइवर को 10 मिनट में आने को बोलकर फोन रखती है और समय देखती है अपने मोबाइल में उसे घर से आये 2 घंटे से ज्यादा हो चुके थे पर उसे इस बात की खुशी थी उसकी बचपन की दोस्त उसे वापस मिल गयी वो भी अपने सपने के साथ डाक्टर बनकर।

दोनों अपने नंबर एक दूसरे को देते हैं फिर मिलेंगे का बोलकर मनु अपने घर के लिए निकल जाती है।

आज उसे बहुत खुशी हो रही होती हैं उसकी दोस्त वापस मिल गयी वो भी डाक्टर बन कर अब रिंकी मेरी डाक्टर दोस्त हैं

धन्यवाद रचना पढ़ने के लिए आप इसे लाइक और कमेंट जरुर किजिए और मुझे फॉलो भी

पूजा अग्रवाल

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