अरे जीजी क्या करु बेटे मनीष की शादी को 5 साल हो गए हैं पर अभी तक दादी नहीं बनी हूं पता नहीं कौनसे मुहूर्त में मनीष की शादी उस आशा से की क्या बताऊं दीदी जीते जी एक पोता पोती का मुंह तो देख लेती पता नहीं भगवान कब बुला लाये।
ये सब बातें किचन में काम कर रही आशा सुन रही थी पर उसके लिए तो ये रोज का था
राधा (आशा की सास) का एक बेटा और एक बेटी है
बेटी शादी की बाद अमेरिका रहती है
बेटे मनीष की शादी भोली भाली आशा से हुई है जो दिखने में सुंदर सभी काम मैं होशियार है शादी कर आते ही घर की जिम्मेदारी आशा ने अपने सर पर ले लि
कभी कही आने जाने की जिद नहीं कि
मनीष भी आशा से बहुत खुश था आशा से बहुत प्यार करता था
शुरू शुरू में तो राधा जी भी आशा को बहुत पसंद करती थी पर शादी को एक-दो साल हो जाने पर पर अभी तक आशा मां नहीं बनने पर वो अब आशा को कुछ ना कुछ सुनाती रहती थी
शुरू शुरू में तो आशा बहुत रोती पर अब उसको आदत हो चुकी थी घर में रहती तो सास सुनाती बाहर जाती तो पड़ोसी और रिश्तेदार पूछने बैठ जाते
अरे आशा तेरी शादी को इस बार 5 साल हो जायेंगे पर तुने अभी तक कोई खुशखबरी नहीं सुनाई क्या हुआ तुने जांच और तो करवाई ना कई तुझमे कोई कमी तो नहीं है अरे मैं तुझे बताना बुल गयी वो मेरी दूर की एक बहन है उसने बताया है यहां एक महाराज आये हैं उनके पास तीन बार जाने पर तू मां बन जायेंगी
ये भी आशा के लिए आज का नहीं था 3-4 साल से वो यही सुनती आ रही थी डाक्टर के चक्कर काट कर भी पर उसको कोई फायदा नहीं हुआ
रात को मनीष आते ही
अरे मनीष बेटा बहू में कोई कमी है जो आज तक मां नहीं बन पाई है तु इसे तलाक देकर दूसरी से शादी कर ले मैनै एक लड़की देखी है बहुत ही प्यारी है
मनीष इतनी देर चुप रहकर मां मान लिया मैंने दूसरी शादी कर ली पर उसकी क्या गारंटी है उस लड़की मैं कोई कमी नहीं होगी मां आपको याद है मीना मासी के साथ क्या हुआ था वो मां नहीं बन पाई पर कमी मीना मासी मैं नहीं मौसाजी मैं थी पर सुननी उनको पड़ती वैसे ही कमी आशा मैं नही मेरे में है
राधा जी मुंह पर हाथ रखकर ये क्या बोल रहा है बेटा तु….तुझमे कमी नहीं नहीं मुझे पता है तु बहू को बचाने की कोशिश कर रहा है नहीं मां ये सच है रुको मैं आपको रिपोर्ट दिखादेता हूं मनीष हाथ में एक रिपोर्ट लाकर मां को देकर बोलता है ये लिजिए राधा जी पढ़ी लिखी तो थी नहीं जो रिपोर्ट पढ़ लें उसने तो रिपोर्ट का नाम देखा जो उनके बेटे का हि था इसलिए उसने विश्वास कर लिया।
राधा
जी मां राधा माफ़ कर दे मुझे मैं हमेशा तुझे बोलती रहती थी तुझमें कमी है पर मुझे क्या पता था कमी तो मनीष में है राधा भी ये सुनकर मनीष की तरफ देखती है मनीष अपने आंख की पलक झपकाकर शांत रहने को बोलता है
मनीष थोड़े दिन पहले तुने अनाथ आश्रम जाने को कहा था ना कि तु और आशा बच्चे को गोद लेना चाहते हो उसकी मेरी हां है बेटा कल ही तुम जाकर फर्टिलिटी पूरी कर लो और अब बच्चे की किलकारि इस घर में गूंजने दो
रात का खाना खाकर आशा और मनीष कमरे में आकर मनीष तुमने मम्मीजी को झूठ क्यों बोला कमी तुम्हे है मुझमें नहीं आशा मैंने जो किया है वो सही किया आशा मम्मी ने आज हम दोनों को अलग करने की भी तैयारी कर ली थी पर आशा प्यार सिर्फ एक बार होता है वो भी जिस्म का नहीं दिल और मन का प्यार आशा मैंने जो किया है वो सही किया है तुम चिन्ता मत करो कल से हमारे घर में जो हंसी की किलकारि गूंजने वाली है उस पर ध्यान दो वैसे तुम किसको गोद लेने की सोच रही हो मैं तो बेटी को गोद लेने की सोच रहा हूं और तुम जो आप सोच रहे वहीं मैं
सुबह आशा और मनीष अनाथ आश्रम जाकर सब फोर्मलिटी पूरे करते है और एक प्यारी सी बेटी को गोद लेते है
उनके घर में भी बच्चे की किलकारियां गूंजने लगती है
समाप्त
दोस्तों बहुत घर ऐसे होते हैं जहां मां नहीं बनने पर बहू को खरी खोटी सुनाती है और बेटे की दूसरी शादी करवाईं जाती है पर मनीष के सही समय पर अपनी शादी बचा ली और उनके घर में बच्चे की किलकारियां भी गूंज गयी।
pooja goyal