सैलरी-पापा का जूता | salary-papa ka juta

नंदू की अच्छी कंपनी में जॉब लग चुकी थी पहली सैलरी में नंदू ने अपने पिता के लिए एक अच्छी कंपनी का जूता खरीद कर पिता को दिया

बेटा इसकी क्या जरूरत थी

पापा इसकी जरूरत थी आपको आपकी और मां की मेहनत और लगन से ही तो मैं आज इतनी बड़ी कम्पनी में नौकरी लगा हूं मुझे आज भी याद है मेरी कॉलेज का पहले साल में आपके पैर में डाक्टर ने इन्फेक्शन बता दिया था आपको साफ्ट जूते या चप्पल पहने को कहा था जो बहुत मेहंगे आते और मुझे पता नहीं था आपके पैर में इन्फेक्शन हो गया मैंने भी उसी दिन आपसे कॉलेज की बुक के लिया 7000 रुपए मांगे थे आपने मुझे कुछ ना कहकर मेरे हाथ में आपके जूते लाने के रुपए मुझे बुक खरीदने के लिए कह दिया था पर जब मैं बुक खरीद कर वापस घर की तरफ आया तो मुझे आपके दोस्त जो डाक्टर है वो मिल गये थे उन्होंने मुझे जब बताया की आपके पैर में इन्फेक्शन हो गया है और आपको सोफ्ट जूते चप्पल पहना है तो मैंने घर आकर मां से बात की मां ने मुझे बताया था आपने वो रुपये मुझे दे दिया है मेरी किताबों के लिए जब मैंने आपको बोला की मैं ये किताबें वापस लेकर आपके पैर के लिए जूते लेकर आते हैं तो आपने कहा था

जूते से पहले मेरी पढ़ाई है इसलिए उस दिन मैंने मन ही मन सोच लिया था की आपको मै कंपनी अच्छे जूते लाकर दूंगा अपनी पहली सैलरी से आपक़ो जूते कैसे लगे पापा

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बहुत अच्छा है बेटा ऐसा बेटा सबको मिले

और ऐसे मम्मी पापा भी सबको मिले

दोनों बाप बेटे गले लग जाते हैं पास खड़ी मां की आंख खुशी के आंसु आ जाते हैं

समाप्त

पूजा गोयल

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