शर्मा सिस्टर्स-संघर्ष भरा जीवन 20 | sharma sisters Sangharsh bhara jeevan 20

क्या हुआ है अनु को एकता वो ठीक तो है ना?

एकता हां मैं सर हिला कर किचन में चली जाती है। उसके पीछे अविका भी चली जाती है।

दीदी अनु की तबीयत अब ठीक है आज सुबह जल्दी उठने की वजह से ठंड में उसे सर्दी लग गई उसे बुखार और सर दर्द होने लगा था पर अब वो काढ़ा की वजह से पहले से बेहतर है।

दीदी आप कपड़े चेंज कर लिजिए तब तक हम रोटिया बना देते हैं।

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अविका हां मैं सर हिला कर कमरे की तरफ चली जाती है।

एकता रसोई में खाना बना रही होती हैं। उसे अविका और अविश की चिंता होती है। क्या सच में अविश जी की ऐसी सोच है वो दीदी के लिए क्या साबित करना चाहते हैं?

राजेश जी आफिस में बैठे होते हैं। पीयाशं आफिस में राजेश जी के केबिन में आता है।
शर्मा सिस्टर्स-संघर्ष भरा जीवन 19 | Sharma sisters Sangharsh bhara jeevan 19

पीयाशं की उम्र यही 23-24 के आस पास लग रही थी। गोरा रंग था, होंठ के पास काला तिल, चेहरे पर मुस्कान,बाल आंख तक आगे आते हुए, जींस और ब्लैक टी शर्ट के ऊपर ब्राउन जैकट पहने हुए केबिन में आता है।

राजेश जी पीयाशं को देखकर पीयाशं बेटा तुमको दो दिन के लिए आफिस सम्भालना है, सम्भाल लोगे ना?

पीयाशं यह सुनकर चौंक कर राजेश जी की तरफ देखने लगता है।

एकता रात को ऊपर छत पर खड़ी थी। व्हाइट कलर के चिकनकारी कुर्ता पहने आसमान में तारों को देख रही थी। आज सुबह स्कूल में वोट के बाद उसकी चेहरे की मुस्कान कहीं चली गई थी।

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एकता मन में हे कृष्ण कन्हैया कुछ तो मदद कीजिए हमारी अगर यह नौकरी चली गई तो हम घर की किस्त कैसे भरेंगे अब वो किस्त वाला भी महीने में दो बार किस्त मांगने लगा है।

पीयाशं आफिस की बात सुनकर अपने केबिन में गुमसुम सा बैठा था। गुस्से में यह पापा भी पता नहीं क्यों हमें ही अपने पास इस आफिस में रखकर रखा है भाई की जिन्दगी की कितनी अच्छी है यार पापा उन्हें कुछ नहीं कहते हैं। अभी मस्त चल दिए दोस्तों के साथ पिकनिक पर,और छोटे भाई को आफिस में फंसाकर।

पीयाशं फोन करके एक कप कॉफी मंगवाता है।

काफ़ी आने तक वो फाइल चेक कर रहा था।

अचानक उसके मन में कुछ आता है। पापा ने आज हमें आफिस का पूरा काम सम्भालने को क्यों कहा? और पापा कहां जा रहे हैं?

एकता अभी भी वैसे ही खड़ी थी। उसे अपने कंधे पर कुछ महसूस होता है। वो पिछे मुंह घुमाकर देखती है। अविका थी जो उसके लिए शॉल लेकर आई थी। अविका भी एकता के पास खड़ी हो जाती है।

क्या हुआ मां की याद आ रही है आज?

अविका की बात सुनकर एकता उसकी तरफ देखने लगती है।

एकता हां मैं सर हिला देती है।

क्या हुआ है अपनी मां जैसी बहन को नहीं बताईगी?

एकता अविका की बात सुनकर रोने लगती है। रोते हुए उसके गले लग जाती है। अविका उसे रोने देती है। क्योंकि एकता की बचपन से आदत थी वो सबका ख्याल रखती आ रही थी पर उसका ख्याल इतना कोई रख नही पाया है।

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अविका एकता को अपने से अलग कर के उसके आंसू पोंछती हुई क्या हुआ एकता सब ठीक है ना? आज तु रो क्यों रही है?

दीदी आज जब हम स्कूल गए तो वहां हमें पता चला बच्चों की एडमिशन कमी की वजह से स्कूल में पांच टीचर वोट से निकाले जाएंगे।

अविका यह सुनकर टेंशन में आ जाती है।

दीदी घर की किस्त कैसे चुकाएगे हम अगर हमारी तख्वाह ही नहीं आएगी तो।

अविका एकता के आंसू पोंछती है। एकता चिंता मत कर सब ठीक होगा तुझे लगता है तेरा नाम आएगा उसमें?

दीदी पता नहीं पर ऐसा भी नहीं लगता हमारा नाम नहीं आएगा।

अनु की तबीयत अब सुबह से बहुत ठीक थी। वो अभी कमरे में बैड पर ही बैड के सहारे बैठी थी। प्रियंका किचन में मैगी बना रही थी। अतुल जी टीवी देख रहे थे।

दिसंबर की महीने की ठंड बहुत थी।

अनु अपना फोन चला रही थी। उसका फोन बजता है। अपनी दोस्त का फोन देखकर उठाती है। हां श्रेया बोल?

अनु कैसी है तेरी तबियत अब ठीक है ना?

हां अब पहले से ठीक है। तु बता इतनी रात को क्यों फोन किया?

यार अनु वो रॉकी और उसके दोस्तों को क्या हुआ है अजीब से बर्ताव कर रहे थे? हमारे साथ!

अनु यह सुनकर सीधी बैठ जाती है क्यों क्या हुआ श्रेया? मुझे विस्तार से सब बता।

अगले भाग

कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और लाईक समीक्षा जरुर दे।

धन्यवाद

पूजा गोयल ( kahanisangrah.in)

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