शर्मा सिस्टर्स-संघर्ष भरा जीवन 31 | sharma sisters Sangharsh bhara jeevan 31

प्रियंका ने अनु के लिए दरवाजा खोला था। इसलिए वो बन्द करना बुल गई थी।‌

अविका अन्दर आकर प्रियु बेटा आप कितनी लापरवाही कर रहो। मैंने बोला था ना तुम्हे दरवाजा बन्द करने को फिर किया क्यो नही?

अविका दी हमने दरवाजा बन्द किया था। प्रियु इतना ही बोलती है अविका फिर शुरू हो जाती है।

तो फिर क्या यह दरवाजा भूत है जैसे अपने आप खुल गया हो। अनु बेटा आज कल ऐसे दरवाजा खोलकर अकेले बच्चों का रहना सही नहीं है।

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अरे यार दीदी आप कितना बोलती हो आजकल वो बच्ची कह रही है ना उसने दरवाजा बन्द किया था फिर क्यों डांट रही है आप उसे?

अनु कमरे से बाहर आती हुई बोलती है।

अविका अनु की तरफ देखकर तुम इतनी जल्दी कैसे आज फिर कोलेज से? फिर से सर दर्द है क्या तुम्हारा?

नहीं ना दीदी वो कल आपकी लाडली एकता ने पता नहीं ऐसा क्या काढ़ा पिला दिया था उसे अभी तक पसीना आ रहा है हमें।

अविका मुस्कराने लगती है। अच्छा सिर्फ हमारी लाडली वहीं है तो ठीक है अब आज से तुम्हें कोई मदद चाहिए तो हमारे पास आना मत। इतना कहकर अविका समान का बैग लेकर किचन में चली जाती है।

अनु का मुंह बन जाता है। हमारा तो घर में काम ही सबको मनाने का है। इतना कहकर उठकर किचन में अविका के पास आती है।

बाहर बैठी प्रियंका हंस रही थी।

शर्मा सिस्टर्स-संघर्ष भरा जीवन 30 | sharma sisters Sangharsh bhara jeevan 30

अच्छा दीदी आज खाने में क्या बना रहे हैं आप? हम मदद कर देते हैं आपकी!

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नहीं नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है वो मेरी लाडली बहन आएगी ना वो कर देगी आप जाइए अन्दर और पढ़ने बैठिए। इतना कहकर अविका किचन से बाहर आकर ऊपर छत से कपड़े उतारने चली जाती है।

अविका छत से कपड़े उतार रही थी। उसे सामने एक गाड़ी से लगा हुआ लड़का दिखा जो उसकी घर की तरफ ही देख रहा था। चेहरे को कपड़े से बांध कर रखा था आंख पर धूप का चश्मा लगाए खड़ा था।

अविका उसे अपनी घर की तरफ देखता पाकर नीचे भागती हुई जाती है और दरवाजा बन्द कर देती है। अविका को ऐसे घबराते देख अनु और प्रियंका उसके पास आते हैं।

क्या हुआ दी आप ऐसे अचानक दरवाजा क्यों बन्द कर दिया सब ठीक है ना?

अविका बहाना बनाती हुई कुछ नहीं वो हमने बाहर एक कुते को देखा जो घर घर जाकर रोटी चुरा रहा था।

हेययय? अनु हैरान होती हुई बोलती है।

नहीं दीदी लगता नहीं आप कुत्ते की डर की वजह से दरवाजा बन्द कर देगी। हटिए हम देखते हैं।

नहीं अनु हम सच कह रहे हैं। पर अनु कहा मानने वाली थी। अविका को पीछे करके दरवाजा खोलने लगती है।

अविका आंख बन्द कर लेती है। हे भगवान हमें ऐसा लग रहा था वो अविश जी है.. प्लीज़ कुछ किजिए आप।

अनु दरवाजा खोलकर थोड़ा बाहर जाती है। दीदी..

अविका आंख खोलती है।

दीदी यहां तो कोई नहीं आप किस कुते की बात कर रही थी। यह तो कोई कुता नहीं है।

अविका बाहर आकर देखती है। सामने कोई नहीं था अविका आस पास नजर दौड़ाती है पर उसे कोई नहीं दिखा वो राहत भरी सांस लेती है।

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दीदी आप भी ना कुते से डर जाती है। देखिए अब बाहर कोई कुता नहीं है।

अविका अनु की तरफ हां लगता है भाग गया होगा तुम अन्दर चलो अब हमें रात कि खाने में कुछ स्पेशल बनाना है इसलिए तुम भी थोड़ी मदद करो।

क्यों दी आज कोई पार्टी है? अविका के साथ किचन में आती अनु बोलती है।

तुझे तो हर समय पार्टी ही दिखाई देती है। अनु पापा के बीकानेर से एक दोस्त आने वाले हैं बहुत सालों के बाद आ रहे हैं हमें उन्हें लेने बस स्टेशन भी जाना इसलिए हम खाने की पूरी तैयारी करके जाएंगे।

पापा का कोई दोस्त भी हैं जो बीकानेर रहते हैं? अनु आलू कट करते हुए बोलती है।

हां पापा के दोस्त भी हैं और वो बीकानेर रहते हैं। तुम्हें पता है यह राजेश अंकल मम्मी की डेथ पर आए थे उसके बाद आज ही आ रहे हैं।

अच्छा आपने कभी उन्हें देखा है?

हां छोटे थे तब उन्हें तुम और प्रियंका बहुत क्यूट लगते थे। एक बार तो प्रियंका वो अपनी बेटी बनाने की जिद कर ली थी। वकील तक को लेकर आ गए थे पर उनकी वाइफ का सभ्भाव तेज है इसलिए फोन पर उनकी डांट सुनकर वो कुछ नहीं कर पाए।

यह बात सुनकर अनु हंस देती है।


अगले भाग में

कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और लाईक समीक्षा जरुर दे।

धन्यवाद

पूजा गोयल (kahanisangrah.in

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