अनु को याद आता है। वो लेटर बैग में ही है। और बैग कमरे में ही है। कहीं दीदी के हाथ वो बैग और लेटर लग गया तो। अभी तक हमें भी पता नहीं चला है उस लेटर में क्या है?
अनु भागकर कमरे की तरफ जाती है। प्रियंका दूध पिकर गिलास किचन में रखकर आती है। सोफे पर अपनी बुक लेकर ऊपर छत पर पढ़ने चली जाती है।
अनु कमरे में आकर देखती है। अविका बालकनी में खड़ी थी। अनु एक नजर बैग की तरह देखती है जो सही जगह पर पड़ा था। अनु लंबी सांस छोड़कर अच्छा हुआ दीदी ने बैग नहीं देखा।
अनु हल्का सा मुस्कुराती हुई दीदी आप यहां क्यों खड़ी हो? वो मैंने आलू कट कर दिए हैं आप वैसे क्या बनाने वाली है शाम को?
अविका अनु की आवाज सुनकर सोच रही हूं। समोसा और पकोड़ा कढी,दाल का हलवा और गर्मागर्म परांठे बना देते हैं। सर्दियों के मौसम यह खाना सबको पसंद आएगा।
अनु अपनी जीभ होंठों से फेरती हुई। हम्म वाउउ क्या मेन्यू बताया है दीदी आपने मजा आ जाएगा दीदी। आपके हाथ के समोसा खाएं वैसे भी बहुत दिन हो गए हैं। पर कढी एकता ही बनाएगी।
अविका हां मैं सर हिला देती है। हां हम एकता को बोल देंगे वो कढी बना देगी। अविका बालकनी से अन्दर आकर बैड पर बैठ जाती है।
उनके पास अतुल जी का मेसेज आता है। जिसमें राजेश जी का नंबर लिखा था। अविका राजेश जी को फोन करती है।
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राजेश जी बस में ही होते हैं। सर्दियों में बस का सफर बहुत सुहावना लगता है। अचानक उनका फोन बजता है फोन उठाकर यह किसके नंबर है? फिर फोन उठाकर हैलो!
हैलो अंकल में अविका बोल रही हूं।
अविका बेटा राजेश जी खुश होते हुए बोलते हैं।
नमस्ते अंकल! वो पापा ने कहा था आप सीकर आ रहे हैं इसलिए आप कब आ रहे हैं?
बेटा मैं पांच बजे तक सीकर पहुंच जाऊंगा। बेटा तुम नहीं आ सकती तो कोई नहीं मैं घर आ जाऊंगा। मैं तो अकेला ही आने वाला था पर तेरा बाप है अतुल वो नहीं माना राजेश जी हंसते हुए कहते हैं।
अंकल हमें कोई तकलीफ़ नहीं होगी आप चिंता मत कीजिए हम समय पर स्टेशन पहुंच जाएंगे। अच्छा अब हम फोन रखते हैं।
हां बेटा
अनु पास मैं बैठी हमें रॉकी वाली बात दीदी को बता देनी चाहिए हां सही रहेगा। फिर कहीं से पता चला तो..। पर अभी बताना सही होगा। कहीं कुछ ज्यादा बात बिगड़ गई तो दीदी को बताने से नहीं हमे पहले वो लेटर पढ़ लेना चाहिए अनु बैगा की तरफ देखकर सोचती है।
अविका अनु को ऐसे खोया हुआ देखकर उसके कंधे पर हाथ रखती है।
अनु अविका की तरफ देखकर क्या हुआ?
तुझे क्या हुआ कहा खोई हुई है? कब से तेरा नाम बोल रही हूं।
कुछ नहीं दीदी वो पेपर शुरू होने वाला है ना इसलिए हमें नोट्स मिले हैं बस वही सोच रहे थे उन्हें अब कैसे याद करें।
हम्म तो पढ़ाई की टेंशन है चिंता मत करो रात को प्रियंका के साथ तुम्हें भी पढ़ा दूंगी। और अभी तुम प्रियका की पढ़ाई देख लो एक बार हम जब तक किचन में काम करते हैं।
अनु उठकर बाथरूम चली जाती है। अविका भी उठकर कमरे से बाहर आती है। प्रियंका बेटा आप एक बार अनु दीदी से पढ़ लो। अविका फिर सोफे की तरफ देखती है यह लड़की कहा गई। प्रियंका! प्रियंका अविका जोर जोर से नाम लेती है।
अनु भी वाशरूम से निकलकर बाहर आती है। क्या हुआ दीदी आप प्रियंका का नाम लेकर चिल्ला क्यों रही है?
अनु प्रियंका सोफे पर ही तो बैठी थी कहा गई अचानक दरवाजा भी अन्दर से बन्द है।
दीदी हो सकता है छत पर हो हम देखकर आते हैं।
अनु ऊपर छत की तरफ जाती है। प्रियंका छत पर धूप में पढ़ते हुए सो गई थी जिसे अविका की आवाज सुनाई नहीं दी थी।
अनु प्रियका को देखकर यह लो यह यहां आराम से सोई हुई है और दीदी नीचे इसे आवाज दे रही है। अनु प्रियंका की तरफ आकर प्रियंका उठो।
दो बजने वाले थे। पीयाशं के एक दो विडियो देखने रह चुके थे। पर उसे विश्वास था इतने में वो सब कुछ सम्भाल लेगा।
मैनेजर अन्दर आकर पीयाशं सर मीटिंग रूप में सब आना शुरू हो चुके हैं। आपको भी जाना चाहिए अब!
पीयाशं हां मैं सर हिला कर कुर्सी से अपना कोट उठाकर केबिन से बाहर निकल जाता है।
अगले भाग में
कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और लाईक समीक्षा जरुर दे प्लीज।
धन्यवाद
पूजा गोयल (kahanisangrah.in)