अविका समोसे के साथ चटनी भी बनाने वाली थी। इसलिए एकता और अविका दोनों डायनिंग टेबल की कुर्सी पर बैठी सब्जी कट कर रही थी।
एकता धनिया के पत्तों को निकाल रही थी। और कहीं खोई हुई सी लग रही थी। पता नहीं उसे डर लग रहा था कहीं यह बात अतुल जी को पता चल गई तो वो उसे गलत ना समझ लें।शर्मा सिस्टर्स-संघर्ष भरा जीवन 36 | sharma sisters Sangharsh bhara jeevan
एकता तुम्हें पता है अनु को तो तेरी हाथ की ही पकोड़ा कढी अच्छी लगती है। जब मैंने उसे बताया कि आज शाम पकोड़ा कढ़ी बनेगी तो बोलने लगी कढी एकता ही बनाएगी।
एकता अविका की बात सुनती ही नहीं है वो खुद में ही खोई हुई थी। धनियां के पत्तों को कचरे में और कचरे को धनिया के पतीले में डाल रही थी।
अविका यह देखकर एकता के कंधे पर अपना हाथ रखती है। क्या बात है एकता?
एकता ख्यालों से बाहर आती है। अविका की तरफ देखती है।
एकता क्या हुआ कोई टेंशन की बात है क्या मुझे बता ना अपनी बहन को नहीं बताएगी?
एकता अविका की तरफ देखती है। फिर उसे सब कुछ बता देती है।
अविका उसकी बात सुनकर उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर एकता तुने क्या हमारे पापा को इतना कमजोर समझ कर रखा है क्या? कोई भी आकर उन्हें यह कहेगा उनकी बेटी को किसी के साथ देखा और विश्वास कर लेंगे।
वैसे भी एकता पापा तेरे प्रिंसिपल सर को अच्छे से जानते हैं उनके दोस्त के बेटे ही है। इतना ज्यादा सोचने की कोई जरूरत नहीं है तुम्हें अगर पापा कुछ कहेंगे भी तो मैं बात कर लूंगी तुम बिल्कुल चिंता मत कर।
यह देखो क्या किया तुमने यह धनिया के पत्तों को कचरे में डाल दिया और कचरे को पतियों के पतीले में।
एकता यह देखकर मुस्कुरा जाती है। फिर सब सही करके दोनों बहनें किचन में चली जाती है।
प्रियंका अभी पढ़ रही थी। अनु बालकनी में बैठी हाथ में किताब लिए ऐसा लग रहा था वो पढ़ रही है पर उसका ध्यान पढ़ाई से ज्यादा नीचे खेल रहे बच्चों पर था जो छुपम छुपाई खेल रहे थे।
अनु ऊपर बैठी देख रही थी कौन कहां छुप रहा है। इसलिए उसे पूरा मजा आ रहा था। अनु अपनी किताब साइड में रखकर खुद रैलिंग पर हाथ रखकर मुस्कराती हुई देखने लगती है।
अनु धीरे से इशारा करके कुश वहां छुपा है। वो बच्चा मुस्कराता हुआ उस साइड जाता है जहां अनु ने इशारा किया था और वो लड़का कुश मिल जाता है।
वो लड़का यस यस करता हुआ यहह मैंने कुश को ढूंढ लिया अब तुम सबकी बारी है।
फिर से वो लड़का अनु की तरफ देखता है। अनु ना मैं सर हिला देती है। वो लड़का अनु को आंखों ही आंखों से प्लीज़ कह रहा था। अनु को दया आ जाती है वो इशारा करके। नेहा उस साइड पीछे छुपी है।
वो लड़का खुश होकर जाता है। और उसे नेहा भी मिल जाती है। नेहा का चेहरा उतर जाता है।
एकता पकौड़े निकाल रही थी। कढी बनाने के लिए। अविका ऊबले हुए आलू को छील रही थी। और उनका मसाला बना रही थी समोसा के लिए।
पीयाशं अपने केबिन में आकर एक गिलास पूरा पानी पीता है फिर एक लंबी सांस छोड़कर आज तो सच में बच गया मैं अगर वो विडियो का ख्याल नहीं आता तो आज की मीटिंग बहुत मुश्किल हो जाती।
पीयाशं का फोन बजता है। मां का नंबर देखकर हां मम्मा बोलो।
मेरा पीयाशं मेरा लाडला बेटा कैसी गई तेरी मीटिंग?
अच्छी गई। पर आपको कैसे पता चला आज मेरी मीटिंग थी। क्योंकि घर पर तो इस बारे में कोई बात नहीं हुई थी?
तेरी मां हूं सब खबर रखती हूं। सुन मैंने इसलिए फोन किया तेरी पसंद का गाजर का हलवा बनाया है और दाल के पकोड़े बनाए हैं। तो मैं रामू के साथ टिफिन भेज रही हूं तु का लेना मेरा बेटा सुबह से काम में लगा होगा।
पीयाशं यह सुनकर मुस्कुरा जाता है। फोन कट करके मम्मा भी ना पता नहीं कितनी फ्रिक करती है मेरी।
पीयाशं मैनेजर और अकाउंट मैनेजर को अपने केबिन में बुलाता है।
तो आज की मीटिंग की फाइल आप दोनों को तैयार करनी प्राइज आप एक बार फाइल में नहीं लिखेंगे इसके लिए मैं पापा से बात करूंगा क्योंकि मैं नहीं चाहता मेरी वजह से कोई परेशानी हो।
दोनों हां मैं सर हिला देते हैं। थोड़ा बहुत और डिस्कसन करते हैं। फिर दोनों उठकर बाहर चले जाते हैं।
अगले भाग में
कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और लाईक समीक्षा जरुर दे।
धन्यवाद
पूजा (kahanisangrah.in)