शर्मा सिस्टर्स-संघर्ष भरा जीवन 38 | Sharma Sisters Sangharsh Bhara Jeevan 38

अविका और एकता दोनों ही रसोई में लगी थी। अविका दाल का हलवा बनाने के लिए दाल को पहले ही भिगोकर रख देती है।

एकता समोसा के लिए मसाला बना रही थी। दीदी इस मसाले में मिर्च कितनी डाले?

एकता तु इसमें तीन चम्मच मिर्च डाल दें क्योंकि ज्यादा तीखा फिर पापा नहीं खा पाएंगे।

ठीक है दीदी।

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प्रियंका पढ रही थी। अनु का मोबाइल प्रियंका के पास बैड पर पड़ा था। उसमें बीप बीप आवाज आती है।

प्रियंका अनु की तरफ देखती है जो बालकनी में खड़ी थी। प्रियंका फोन हाथ में लेकर किसका मेसेज आ रहा है दीदी के फोन पर।

प्रियंका फोन उठाकर हाथ में लेती ही है इतने में अनु उसके हाथ से गुस्से में फोन छीन लेती है। और थोड़ी तेज आवाज में प्रियंका यह क्या तरीका है किसी का फोन हाथ में लेने का?

प्रियंका अनु की तेज आवाज सुनकर डर जाती है। दीदी हम तो सिर्फ आपका फोन इसलिए हाथ में लिए कबसे मेसेज आ रहे थे..।

तो फोन आकर मुझे दे देती। प्रियंका मेरे फोन या बाकी समान को हाथ लगाने से पहले मेरे से पूछ लिया कर।

प्रियंका के आंख से आंसू निकल आते हैं। वो‌ वहां से उठकर अपने आंसू पोंछ कर किताब हाथ में लेकर कमरे से बाहर चली जाती है।

प्रियंका हाथ में बुक लिए रसोई में आती है। जहां अविका समोसा तल रही थी। और एकता बचे हुए घोल का पकोड़ा बना रही थी कढी के लिए।

प्रियंका अविका के पास आकर दीदी एक समोसा मिलेगा हमें?

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अविका और एकता दोनों प्रियंका की तरफ देखती है। फिर अविका मुस्कराती हुई हां मैं सर हिला देती है। यह लो अविका एक समोसा और चटनी को‌ प्लेट में डालकर देती है।

प्रियंका मुस्कराती हुई प्लेट बाहर सोफे पर लेकर बैठ जाती है।

अविका घड़ी की तरफ देखकर चार बज चुके थे। पांच बजे तक उसे राजेश जी को लेने के लिए स्टेशन जाना था।

एकता मैं यह एक पाव समोसा के निकालकर फिर तैयार होकर बस स्टेशन जाती हूं राजेश अंकल को लेने के लिए।

ठीक है दीदी आप आराम से जाईए बाकी का हम सम्भाल लेंगे। आप चिंता मत कीजिए।

अनु प्रियंका पर गुस्सा करने के बाद वही पलंग पर बैठ जाती है। यार अचानक मैंने उस पर गुस्सा कर दिया सिर्फ मोबाइल का हाथ ही तो लगाया था। अचानक क्या हो गया पता ही नहीं चला मुझे।

वो रॉकी की वजह से आज दिन ही खराब गया है।

अविका ऊपर छत पर आती है। सूखे हुए कपड़ों को लेने के लिए। अचानक उसे अविश की कही बात याद आने लगती है।

अविश के साथ हम इतने सालों से है और उसे हम पर विश्वास तक नहीं है। पता नहीं क्यों हमारा दिल नहीं मान रहा है उसे प्यार करके हमने कुछ गलत तो नहीं कर दिया।

कल…कल तो हमें लड़के वाले देखने आने वाले हैं। अगर अविश का प्यार सच्चा है तो हमें बात करनी होगी उसे। नहीं तो हम किसी ओर की पत्नी नहीं नहीं हमे एक बार फिर कोशिश करनी चाहिए।

अतुल जी और सभी स्टाफ होटल मालिक के पास खड़े थे। होटल मालिक काउंटर के पास आकर बैठता है।

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तो आप सब स्टाफ का बहुत बहुत बधाई हो हमारी होटल को दो दिन बाद पूरे दस साल हो जाएंगे और यह सब आप सब की वजह से हुआ है तो मैं आप सब के लिए कुछ लाया हूं।

होटल मैनेजर सबको लिफाफे में सैलरी से आधा पेमेंट देते हैं। यह सब के लिए है। हमारी तरफ से सब के भेद है।

और दो दिन के लिए हमारी होटल के लिए अच्छी स्कीम भी सोची गई है। सभी डीस पर 45% का आफ हैं।  और गिफ्ट भी है इसका पोस्टर कल तक लग जाएगा।

अतुल जी को मालिक का स्वभाव अच्छा लगा था। उनके हाथ में उनका लिफाफा था। अतुल जी एक नजर उस लिफाफे को देखते हैं फिर मन में राजेश आ रहा है उसके बच्चों के लिए कुछ भेजने के लिए पैसे काम आएंगे।

पीयाशं मीटिंग के बाद बहुत शांत था। उसे पता चल गया था क्यों राजेश जी उसे आफिस सम्भालने के लिए कहते हैं और क्यों मीटिंग अटेंड करने के लिए कहते हैं।

आज पीयाशं पूरे मन से काम कर रहा था।

अगले भाग में

कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और लाईक समीक्षा जरुर दे।

धन्यवाद

पूजा (kahanisangrah.in)

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