अतुल जी घर के लिए आज पैदल ही आ रहे थे। उन्हें आज एक भी ओटो नहीं मिली थी इसलिए।
राजेश जी नहाने चले गए थे। मौसम ठंडा होने लगा था इसलिए एकता घर की सभी खिड़कियां बंद कर देती है।शर्मा सिस्टर्स-संघर्ष भरा जीवन 41 | Sharma Sister’s Sangharsh Bhara Jeevan 41
अनु फोन पर लगी थी अभी तक उसे याद ही नहीं रहा आज उसके घर गेस्ट आए हैं वो तो मजे से बात कर रही थी।
अविका कमरे का दरवाजा खोलती हुई अनु का नाम लेती हुई अन्दर आती है। अन्दर आकर सामने कपड़ों का अभी तक ढेर देखकर अविका को गुस्सा आने लगता है।
वो भागकर बालकनी में आती है। अनु अविका को गुस्से में देखकर फोन कट कर देती है।
दीदी आप अन्दर आप हमें बुला लेती।
अच्छा वैसे तुम्हें समय का पता है कितने बजे चुके हैं?
ह..हां वो.. अनु को कमरे में लगी घड़ी दिख जाती है। हां हां पता है अभी छ: बजने वाले हैं।
हम्म्म्म् छः बजने वाले हैं मतलब थोड़ी देर में रात के खाने का समय होने वाला है। और जब तक तुम यह कपड़े को समेट कर अन्दर नहीं रखोगी तब तक खाना नहीं मिलेगा।
अविका कपड़ों को तरफ इशारा करके बोलती है।
अनु यह सुनकर अपने सर पर चपत लगाती हुई रोने जैसी शक्ल बना लेती है। दीदी माफ़ कर दो हम बुल गए थे हम अभी समेट कर अन्दर रख देंगे आप प्लीज़ मेरा खाना मत बन्द करीए।
अनु रूम में आकर कपड़े समेटने लगती है।
अनु यह तेरा हर बार का है यहां हम माफ़ कर देंगे तुझे आगे जाकर ससुराल में यह सब नहीं चलेगा तुम्हारा।
और अगर पांच मिनट में यह कपड़े समेट कर अलमारी में नहीं मिले ना तो आज रात के साथ कल सुबह का नाश्ता भी कैंसल है।
अनु का रोने जैसा चेहरा होकर रखा था। अविका आज पहली बार इतनी गुस्से में लग रही थी। अनु का हरकत ही ऐसी थी।
राजेश जी नहाकर अतुल जी के कमरे में आते हैं। ऊपर बनियान पहने थी नीचे लोवर पहला हुआ था। अन्दर आकर अपना सूटकेस खोलता हुआ। यार सीकर में तो बहुत सर्दी है।
गर्म पानी से नहाने के बाद थकान तो उतर गई।
राजेश जी सूटकेस में से टी शर्ट निकालकर पहन लेते हैं। फिर आईने के पास आकर बाल बनाने लगते हैं।
बाहर एकता आवाज लगाती है। राजेश अंकल चाय और नाश्ता तैयार है आप आ जाईए बाहर।
राजेश जी मुस्कराते हुए वापस जवाब देते हैं। हां बेटा आ रहा हूं।
अनु रोने की शक्ल बनाकर कपड़े को समेटती हुई रखती है।
अविका रसोई में थी समोसा तल रही थी।
एकता चाय बनाकर टेबल पर रखती है।
अतुल जी भी घर आ गए थे। अपना बैग एकता को देकर सोफे पर बैठ जाते हैं। एकता अतुल जी के लिए पानी लेकर आती है।
अतुल जी पानी पीकर एकता की तरफ देखकर बेटा राजेश कहा है दिखाई नहीं दे रहा है?
एकता कुछ बोलती उसे पहले राजेश जी अतुल जी के कमरे से निकलकर तु कहा है इतनी देर से इंतजार कर रहा हूं तेरा?
राजेश जी को देखकर अतुल जी उठकर उसके गले लग जाते हैं। कैसा है तु?
राजेश जी अलग होते हुए यह देख कैसा लग रहा हूं मैं तुझे? तेरी भाभी ने कैसे रख रखा है यह तु भी देख लें।
अतुल जी मुस्करा देते हैं। यह तेरी अभी तक मजाक करने की आदत गई नहीं है।
तु बैठ तब तक मैं हाथ मुंह धोकर आता हूं। अतुल जी राजेश जी के कंधे पर हाथ रखकर कहते हैं।
राजेश जी वहीं सोफे पर बैठ जाते हैं। एकता राजेश जी को चाय देती है। साथ में गर्म गर्म समोसा भी।
राजेश जी पूरे घर में नजर दौड़ाते हुए। आज एक शर्मा सिस्टर्स कम क्यों है? हां वो अनु कहीं दिखाई नहीं दे रही है। राजेश जी चाय का एक घूंट लेकर बोलते हैं।
अंकल उसे आज दीदी ने सजा दी है। आज वो सारे कपड़े समेट कर नहीं रखेगी तब तक उसे कमरे से बाहर नहीं निकलना है ना ही खाना मिलेगा ना कुछ पीने को मिलेगा।
अविका रसोई से और गर्म समोसा लेकर आती है।
अविका बेटा यह ग़लत बात है यह बात मुझे अच्छी नहीं लगी।
अगले भाग में
कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और लाईक समीक्षा जरुर दे।
धन्यवाद
पूजा (kahanisangrah.in)