ईशा सोचने लगती है। उसे अभी काम की बहुत जरूरत थी। उसकी शादी घर का खर्चा मां की पापा की दवाईयां सब का खर्चा मैनेज करना घरवालों को मुश्किल ना हो। इसलिए तो वो नौकरी करना चाहती थी। ईशा एक लंबी सांस छोड़कर जी मैम मुझे मंजूर है। आप दस दिन देख सकते हैं। मेरा काम कैसा है।
ठीक है ईशा मुझे उम्मीद है तुम मुझे निराश नहीं करोगी।
ईशा हां मैं सर हिला देती है। और उठकर बाहर आ जाती है। सुशीला जी के साथ एनजीओ देखने लगती है।
आशा जी अपने केबिन में सोच में डूबी थी। क्या मैंने सोचा है वैसा होगा। नहीं हुआ तो….यह लड़की इसके काम पर ध्यान देना होगा मुझे।
ईशा लड़कीयों वाली क्लास में आकर। नमस्ते! मेरा नाम ईशा गोयल है। और मैं अभी बी.ए. स्केड ईयर में हूं।
वो सब लड़कियां भी ईशा को नमस्ते कहती हैं। आज मैं आप सब का नाम पूछूगी। और आप सब के बारे थोड़ा बहुत जानने चाहुंगी।
ओके टीचर जी। सभी एक साथ बोलती है।
आके आप सब मुझे बारी बारी अपने नाम बताईए।
सब लड़कियां एक एक करके अपना नाम बताती है। एक लड़की जो सबसे लास्ट कोने में डरती हुई बैठी थी जूझ रही थी।
ईशा उसे नाम पूछती है। पर वो लड़की डर से जूझ रही होती हैं। सभी लड़कियां उसे ही देख रही होती हैं। ईशा को कुछ अजीब लगा। पर ईशा उस पर कुछ जोर डालना नहीं चाहती थी। ईशा अपनी घड़ी में देखती है। आज का समय समाप्त हो चुका है।
ईशा एनजीओ से बाहर निकल आती है। अभी भी वो उस लड़की के बारे में सोच रही थी। उसी लड़की में उसे अपनी परछाई दिख रही थी। वो चलते चलते रूक जाती है। बार बार उसे उस लड़की की जगह अपनी शक्ल दिखाई देती है।
ईशा आंख बन्द कर लेती है। और एक दो लंबी सांस लेती है। फिर बाहर आती है। देखती है। स्कूटी पर बैठी जिया मोबाइल चला रही होती हैं।
जिया को देखकर ईशा की मुस्कान आ जाती है। ईशा उसकी तरफ आकर क्या हुआ मोटी मेरा इंतजार में किस लड़के से बात कर रही है?
जिया उसकी आवाज सुन एक बार डर जाती है। जब उसे ईशा दिखाई देती है। अरे तुम कब आई?
जब तु किसी मेरे होने वाले जीजू से बात कर रही थी।
जिया गाड़ी से उतरती है। ईशा गाड़ी को स्टार्ट करती हुईं बोलती है।
ईशु की बच्ची तुझे पता है ना। कौन तेरा जीजा बनेगा और कौन तेरी भाभी तो बार बार बात मत छेड़। जिया गुस्सा होकर बोलती है।
ईशा जिया की तरफ देखकर क्या हुआ मेरी मोटी आज आंटी ने फिर कुछ कहा क्या?
जिया मुंह फुलाकर हाथ बांध कर खड़ी हो जाती है। मम्मी का वही चोंचले यार आज यह फ्रेंड की बेटा का रिश्ता आया। कल वो बुआ के परिवार से किसी का रिश्ता आया था। कोई यह नहीं समझता है। पड़ोस में इतना अच्छा परिवार का बेटा रहता है। मैं उसे शादी क्यों नहीं कर सकती।
ईशा के होंठों पर मुस्कान आ जाती है। अच्छा चल तु मेरे साथ तेरा मुड़ ठीक करती हूं मैं।
जिया ईशा के पिछे गाड़ी में बैठ जाती है। ईशा गाड़ी चलता हुए वहीं बात याद आ जाती है। वो लड़की ऐसे डर क्यों रही थी। जैसे कहीं साल पहले में भी ऐसे ही डर रही थी। कहीं मेरे साथ जो हुआ वहीं उसके साथ… नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता है। यह शहर की बेस्ट एनजीओ है।
ईशु मैं तो मम्मा के चक्कर पूछना ही बुल गई। तेरा आज का दिन कैसा गया? एनजीओ कैसा है अन्दर से? सभी काम करने वाले तो अच्छे तो है ना?
ईशा कोई जबाव नहीं देती है। वो उस लड़की के बारे में सोच रही होती हैं।
अगले भाग में
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Pooja…