इंस्पेक्टर आलोक जी की तरफ देखकर आप चिंता मत कीजिए हम ईशा जी को कुछ नहीं होने देंगे। इतना कहकर इंस्पेक्टर उठकर हवलदार के साथ काम में लग जाता है।
एक लड़का पुलिस स्टेशन आता है। अभिलाष जी और आलोक जी की तरफ देखकर बड़े पापा, पापा ईशु कहा है? अभिलाष जी और आलोक जी उस लड़के की तरफ देखकर राहुल तु दोनों एक साथ बोलते हैं।
हैंडसम सा सांवला रंग सलीके से बाल नार्मल कपड़े हाथ में घड़ी पहना हुआ लड़का अन्दर आता है। आलोक जी के पैर छूता है। आलोक जी उसे आशिर्वाद देते हैं। राहुल उनके गले लग जाता है। बड़े पापा कहां है ईशु यह सब कैसे हुआ?
अभिलाष जी राहुल की तरफ देखकर बेटा तुम तो कल सुबह आने वाले थे ना तो फिर अभी कैसे? तुम्हें कैसे पता चला ईशु के बारे में?
राहुल अभिलाष जी के पैर छूकर पापा वो मैं जल्दी आकर सबको सरप्राइज़ देना चाहता था पर यहां आकर मैं खुद ईशु का सुनकर..मैं घर गया था वहां मां और बड़ी मां ने ईशु के बारे में बताया और आप दोनों पुलिस स्टेशन आय हो यह भी बताया तो मैं भी यहां आ गया।
पापा ईशु का कुछ पता चला क्या वो कहां है? क्यों है? कैसे है? कुछ तो पता चला होगा?
अभिलाष जी ना मैं सर हिला देते हैं। नहीं बेटा अभि तक ईशु का कुछ पता नहीं चला है। पता नहीं कहां है हमारी बच्ची अभिलाष जी की आंख नम हो जाती है और वो पुलिस स्टेशन से बाहर आ जाते हैं।
राहुल देखता है सामने इंस्पेक्टर आ रहा होता है। राहुल भागकर उनके पास जाता है। नमस्ते! मेरा नाम राहुल है। इंस्पेक्टर राहुल को घूरकर देखते हैं।
राहुल इंस्पेक्टर की तरफ देखकर मैं ईशा का भाई हूं अभी मैं बाहर से आया हूं आते ही मुझे ईशु के बारे में पता चला इसलिए मैं यहां आ गया। आपको ईशु के बारे में कुछ पता चला क्या? मेरा बहन इतना यह रास्ते नहीं जानती है। आपको कुछ तो पता चला होगा ना?
इंस्पेक्टर अपनी कुर्सी पर बैठकर राहुल की तरफ ईशु के बारे में तो नहीं पर हां उस एनजीओ के दो टीचर पर शक था उनके बारे में जरूर पता चला है। फिर हवलदार की तरफ देखकर सुशिला के परिवार वालों को लेकर आओ और कैसे लाना है पता है ना।
हवलदार हां मैं सर हिला देता है और चला जाता है।
जिया जोर से चिल्लाती है राहुल..
राहुल जिया की तरफ देखकर जिया भागकर राहुल के गले लग जाती है और रोने लगती है। राहुल उसे सम्भालता है। अभिलाष जी, आलोक जी और सौरभ जी सब पुलिस थाने के बाहर बैच पर बैठे थे।
ममता जी बिस्तर पर बेहोशी में सिर्फ ईशा का नाम पुकार रही थी। ईशु मेरी बच्ची कहा है तु अचानक ममता जी होश में आ जाती है उठकर कमरे से निकल जाती ईशु मेरी बच्ची यही बोलती हुई भागते हुए नीचे आने लगती है।
नीचे रमा जी उन्हें सम्भालती है उन्हें पकड़ कर भाभी हमारी ईशु ठीक है कुछ नहीं हुआ है आप चलिए कमरे में चलिए। ममता जी की नजर दरवाजे पर होती है। रमा जी हाथ पकड़ कर चलिए भाभी आप कमरे में चलिए।
अनिता जी भी भागकर आती है। वो अभिलाष जी से बात कर रही होती हैं। पर ममता जी की आवाज सुनकर वो बाहर आती है। और ममता जी के कमरे की तरफ जाती है।
सौरभ जी भी अपने जान पहचान नेता और को फोन करके ईशु का पता लगवाते हैं किसी सहायता से ईशु मिल जाए सब सोच में थे आखिर ईशु जा कहा सकती है।
ईशा उस गाड़ी का पिछा करती हुई उस घर के बाहर खड़ी होती है। घर किसी ओर का लग रहा था। किसी कारण बन्द होने से पता नहीं चल पा रहा था इन बदमाशों का। ईशा खिड़की की तरफ खड़ी होकर अन्दर साफ दिख नहीं रहा था पर सुनाई सब दे रहा था। मैडम मिल गई यह एक और लड़की कल ही सबको भेज दिया जाएगा।
एक हैवान भरी हंसी सुनाई देती है। ईशा देख नहीं पाती है। पर आवाज और हंसी जाने पहचाने लगते हैं। ईशा अपना फोन निकालकर रिकॉर्ड करने लगती है। पर फोन बंद होता है। ईशा फोन को चालू करती है। और रिकॉर्ड पर लगा देती है।
रात के नौ बजे से ऊपर हो चुका था। सब ईशा के लिए परेशान थे।
जिया राहुल को सब बात बता देती है। सब ईशु के सही सलामत की प्रार्थना कर रहे होते हैं।
हवलदार इंस्पेक्टर के पास आकर सर ईशा जी का फोन चालू हो चुका उनका ट्रैक बता रहा है अब। इंस्पेक्टर बाकी सब खुश होते हैं।
इंस्पेक्टर उठकर अपनी टीम के साथ ट्रैक पर जाने के लिए निकलता है। आलोक जी राहुल बाकी सब भी जाने लगते हैं। पर सौरभ जी राहुल की तरफ देखकर राहुल तुम जिया और आलोक को लेकर घर जाओ मैं और अभि ईशा को लेकर घर आते हैं।
राहुल हां मैं सर हिला देता है।
अगले भाग में
कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और समीक्षा जरुर दे
धन्यवाद
Pooja….