इंस्पेक्टर का फोन बजता है। इंस्पेक्टर बाहर आकर बात करता है।
इंस्पेक्टर अन्दर आकर सौरभ जी और अभिलाषा की तरफ आकर आशा जी को पुलिस स्टेशन लेकर आ गए हैं हमें वहां जाना होगा। ईशा जी और बाकी लड़कियों से हमें पूछताछ करनी है पर अभी इस हालत नहीं है यह सब इसलिए हम बाद में आते हैं।
अभिलाष जी हां मैं सर हिला देते हैं।
ईशा का अभी तक आई सी यू मैं इलाज चल रहा था। डॉक्टर बाहर आकर इनकी हालत बहुत गंभीर है सर पर चोट आई हुई है खून ज्यादा निकल चुका हमें A पोजिटिव खून की जरूरत है आप जल्द ही इंतजाम कर दिजिए।
अभिलाष जी और सौरभ जी दोनों एक दूसरे का चेहरा देखने लगते हैं। हम ईशा के लिए ए पोजिटिव ब्लेड वाला कहा से लाएंगे।
आलोक जी बाकी सब भी वहां पहुंच जाते हैं। रात के दो बजने वाले होते हैं। राहुल अभिलाषा जी के पास आकर पापा ईशा कहा है और आप सब इतना परेशान क्यों हो रहे हैं?
सौरभ जी बोलते हैं। ईशा को आई सी यू मैं लेकर गए हैं। ईशा के सर पर चोट लगी है और खून भी बहुत निकल चुका है हमे ए पोजिटिव ब्लेड का इंतजाम करना होगा जल्द से जल्द ही।
आलोक जी यह सुनकर वहां कुर्सी पर बैठ जाते हैं। अभिलाष जी आकर आलोक जी को सम्हालते हुए भाईसाहब चिंता मत कीजिए हमारी ईशु को कुछ नहीं होगा।
राहुल डाक्टर के केबिन की तरफ जाता है। जिया भी उसके पीछे पीछे जाती है। राहुल डाक्टर के केबिन में आकर, डाक्टर अचानक राहुल को आते देख खड़ा हो जाता है यह क्या तरीका ऐसे घुसने का।
राहुल डाक्टर की तरफ देखकर माफ़ करना सर पर मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है। ईशा जो आई सी यू मैं एडमिट है वो मेरी बहन है प्लीज़ आप उसे बचा लिजिए राहुल यह कहते हुए रोने लगता है।
डॉक्टर राहुल की तरफ देखकर कुछ बोलने जाता है। जिया राहुल के पास आकर राहुल तुम यहां क्या कर रहे हो हमें ईशु के लिए ब्लेड का इंतजाम करना है।
राहुल जिया की तरफ देखकर फिर डॉक्टर की तरफ देखकर सर आप प्लीज़ मेरी ईशु को बचा लिजिए।
डॉक्टर राहुल की तरफ आकर हमसे जो बन पडेगा हम वो करके पर ईशा जी की हालत बहुत गंभीर है अभी उनको जल्द से जल्द ब्लेड की आवश्यकता है अभी।
राहुल केबिन से बाहर आ जाता है। जिया राहुल के पास आकर राहुल चिंता मत करो ईशु को कुछ नहीं होगा वो एकदम सही हो जाएगी। जिया को याद आता है। एक बार कोलेज में ब्लेड ग्रुप जांच करी थी सबकी तब ईशा और आदित्य का सेम ब्लेड ग्रुप था।
ईशा आदित्य को फोन करती है। आदित्य रात के दो बजे मोबाइल बजता है। वो सो रहा होता है। जिया फिर फोन लगाती है। मुझे पता यह जरूरी घोड़ा बैच कर सो रहा होगा।
जिया के बार बार फोन करने पर आदित्य गुस्से में बिना नंबर देखें फोन उठाता है। कौन है यार जो इतनी रात को परेशान कर रहा है?
तेरी बहन है। चुपचाप तु मारवाड़ अस्पताल में आ जा और अभी के अभी ना और साथ में कोलेज में जो ब्लेड ग्रुप की जांच की थी वो भी लेकर आना।
पर हुआ क्या है? आदित्य जिया की एक आवाज से उठकर बैठ जाता है और नींद भी उड़ जाती है।
जिया फोन रख देती है। फिर सबके बीच आकर ब्लेड का इंतजाम हो गया है। हमारे कॉलेज में हमारे साथ पढ़ने वाला आदित्य और ईशा का ब्लेड ग्रुप सेम है मैंने उसे फोन करके बुला लिया है।
राहुल और बाकी सब जिया की तरफ देखकर वो इतनी रात को यहां आएगा?
जरूर आएगा आप सब टेंशन मत लिजिए।
आशा जी और आशिष जी पुलिस स्टेशन में बैठे थे। इंस्पेक्टर मनोज आकर अपनी कुर्सी पर बैठ जाते हैं। श
आशा जी और आशिष जी की तरफ देखकर तो आप है गर्ग एनजीओ की मालकिन,बहुत नाम सुना है मैंने आपका शहर में पर विश्वास नहीं हो रहा है आपकी एनजीओ में ऐसा काम होगा।
आशा जी इंस्पेक्टर की तरफ देखती हुई सर आप हमें पूरी बात तो बताईए हुआ क्या है? इंस्पेक्टर आशा जी की तरफ देखकर मैडम आपके एनजीओ में ऐसा काम हो रहा था आपको ही नहीं पता चल रहा था। इंस्पेक्टर आशा जी को सब बता देते हैं।
आशा जी और आशिष जी यह सुनकर चौंक जाते हैं। आशा जी आपको पता नहीं चलता था आपके एनजीओ से लड़की गायब हो जाती थी और आपको कुछ खबर नहीं होती थी।
आशा जी इंस्पेक्टर की तरफ देखकर सर मुझे हर एक लड़की का नाम दिया जाता जिनके पेरेंट्स उन्हें अपने साथ ले जाते थे उन्हें एडोप कर लेते थे।
आशा जी की तरफ देखकर मैडम मुझे वो फाइल देखनी है जिन्हें आपके एनजीओ से बच्चा गोद लिया है। आशा जी हां मैं सर हिला देती है।
एक हवलदार आकर सर सुशिला जी और रमन सर हसबैंड वाइफ है दोनों पहले किसी दूसरे एनजीओ में भी ऐसा कुछ कर लिया था पर वहां एनजीओ की बदलामी ना हो इसलिए पुलिस कम्पेलन नहीं की थी और अपना एनजीओ चेंज करके इन दोनों को वहा से निकाल दिया गया था।
आशा जी यह सुनकर चौंक जाती है। जिन पर उन्होंने ज्यादा विश्वास किया वहीं उनके एनजीओ में यह सब कर रहे थे।
अगले भाग में
कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और समीक्षा जरुर दे
धन्यवाद
पूजा गोयल