एक हवलदार आकर सर सुशिला जी और रमन सर हसबैंड वाइफ है दोनों पहले किसी दूसरे एनजीओ में भी ऐसा कुछ कर लिया था पर वहां एनजीओ की बदलामी ना हो इसलिए पुलिस कम्पेलन नहीं की थी और अपना एनजीओ चेंज करके इन दोनों को वहा से निकाल दिया गया था।
आशा जी यह सुनकर चौंक जाती है। जिन पर उन्होंने ज्यादा विश्वास किया वहीं उनके एनजीओ में यह सब कर रहे थे।
आशा जी इंस्पेक्टर की तरफ देखकर क्या वो दोनों आपको मिल गए क्या? मुझे उन दोनों से मिलना है।
इंस्पेक्टर आशा जी को जवाब देता है मैडम रमन तो मिल गया है, पर सुशिला नहीं मिली है वो कही भाग गई है पर चिंता मत कीजिए वो भी जल्द ही हमारे जेल में होगी। हवलदार की तरफ देखकर इन्हें रमन के जेल के पास लेकर जाईए।
हवलदार के साथ आशा जी रमन के जेल में आकर रमन आशा जी को देखकर नाटक करता हुआ। मैडम देखिए ना यह हमें यहां लेकर आ गए हैं बोल रही है हमने कोई ग़लत काम किया है आपको तो हम पर विश्वास है ना हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते हैं यह सब उस सुशिला ने किया रमन के इतने बोलने पर आशा जी रमन को खिंच कर एक थप्पड़ लगा देती है।
विश्वास की बात कर रहा है तु आज उसी विश्वास की वजह से तुने मेरे एनजीओ का नाम खराब कर दिया है। अरे उन सब बच्चियों का तु भाई बाप समान था। छी मुझे तो शर्म आती है तुझे अपने यहां काम करने वाले कहने को। आशा जी रमन को अंगुली दिखाती हुई देख लेना रमन मैं तुझे छोड़ने वाली नहीं हूं।
रमन हैवान सी हंसी करते हुए तो तुम्हें पता चल गया मेरे बारे में क्या कर लोगी तुम मैं यहां सिर्फ थोड़े दिन का मेहमान हूं चिंता मत करो। मेरी सुशिला मुझे यहां से लेकर जाएगी।
आशा जी मुस्कराती हुए देखते हैं वो तो।
आशा जी बाहर आकर इंस्पेक्टर मनोज की तरफ आकर सर आप रमन और सुशिला के खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई किजिए। मेरी जो भी मदद चाहिए आप मुझे बता सकते हैं। पर मेरा एक निवेदन है आप प्लीज़ एनजीओ के बच्चों पर कोई असर मत पड़ने दीजिए।
इंस्पेक्टर हां मैं सर हिला कर आप चिंता मत कीजिए आशा जी एनजीओ के किसी भी बच्चे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
आशा जी इंस्पेक्टर की तरफ देखकर मुझे ज्योति और ईशा से मिलना क्या आप बता सकते हैं वो दोनों कौनसी अस्पताल में भर्ती है।
इंस्पेक्टर हां मैं सर हिला कर वो दोनों मारवाड़ अस्पताल में भर्ती है आप वहां जाकर मिल लिजिए।
आशा जी और आशिष जी बाहर आकर भाभी आप रोज एनजीओ जाती वहां ऐसा काम और आपको पता भी नहीं चला?
वही तो आशु जी पता नहीं क्यों मेरे आंख पर सुशिला और रमन की विश्वास की पट्टी बंध चुकी थी। मैं यही सोचती रहती दोनों काम में बहुत अच्छे हैं। पर जिस पर ज्यादा विश्वास किया वहीं ऐसे निकले। उन बच्चियों पर क्या बिती होगी क्या बित रहा होगा?
आशा जी और आशिष जी गाड़ी में बैठकर अस्पताल की तरफ चले जाते हैं।
आदित्य नाईटसूट में अस्पताल आता है। जिया को खड़ा देखकर उसके पास आता है। जिया क्या हुआ है तुने मुझे यहां क्यों बुलाया है। जिया आदित्य की तरफ देखकर आदित्य तेरा ब्लेंड ग्रुप ए पोजिटिव है इसलिए तुझे ईशा को ब्लेड देना है।
आदित्य यह सुनकर थोड़ा चौंक जाता है। मैं उसे ब्लेड दूंगा। उसके परिवार वाले क्यों नहीं दे रहे हैं।
जिया आदित्य को देखकर धीरे से बोलती है। मैं तुझे सब बाद में बता दूंगी प्लीज ईशा की जान बहुत खतरे में उसे समय पर ब्लेड नहीं मिला तो वो.. जिया रोने लगती है।
आदित्य जिया की तरफ देखकर अच्छा ठीक है। पर ईशा को हुआ क्या है अचानक ब्लेड?
मैं तुझे बाद में सबकुछ बता दूंगी तुम अभी प्लीज़ उसे अपना खून दे दे।
आदित्य को लेकर जिया सबके पास आती है। अभिलाष जी की तरफ देखकर पापा यह है आदित्य यह ईशा को अपना खून देने के लिए तैयार हैं।
आदित्य सबकी तरफ देखकर नमस्ते करता है। आलोक जी आदित्य को एक नजर देखते हैं। फिर अपना चेहरा घुमा लेते हैं।
डॉक्टर वहां आकर मेरे ख्याल से अब आपने ईशा जी को ब्लेड देने वाला ढूंढ लिया होगा?
जिया हां बोलते हुए। हां सर यह है आदित्य यही ईशा को ब्लेड डोनेट करेगा।
आदित्य की तरफ देखकर क्या आपके पास अपनी ब्लेड ग्रुप फाइल है? आदित्य हां मैं सर हिला कर उसे अपने हाथ में पकड़ी फाइल डाक्टर को दे देता है।
डाक्टर फाइल चेक रहते हुए ठीक है आप मेरे साथ आईए। आदित्य एक नजर जिया की तरफ देखता है। जिया हां मैं सर हिला देती है। आदित्य डाक्टर के पीछे चला जाता है।
राहुल जिया के पास आकर यह वही है ना तुझे प्रपोज किया था। पर तुने इसे राखी बांध दी थी। जिया मुस्कुराती हुई हां मैं सर हिला देती है।
अगले भाग में
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धन्यवाद
Pooja Goyal…