रमा जी जिया बिटिया को बुला लिजिए। रमा जी हां मैं सर हिला देती है। फिर जिया के कमरे की तरफ बढ़ जाती है।
रमा जी जिया के कमरे में आकर जिया बेटा तुझे नीचे बुला रहे हैं। पहले तुम रसोई से चाय की ट्रे ले लेना फिर बाहर आ जाना।
जिया को मन ही मन गुस्सा आ रहा होता है। क्यों वो यह सब कर रही है?
ईशा जिया का चेहरा देखकर समझ जाती है। फिर रमा जी की तरफ देखकर आंटी मैं जिया को लेकर आती हूं। आ मेहमानों के साथ बैठिए ना।
रमा जी ईशा के गाल पर हाथ रखकर ध्यान से आना सर पर चोट लगी है।
ईशा हां मैं सर हिला देती है।
रमा जी नीचे चली जाती है। मेहमानों के पास बैठकर आ रही है।
नीर की नजर बार बार ऊपर जा रही होती हैं। उसे तो ईशा पसंद आ चुकी होती है। जिया को तो उसने अभी तक देखा नहीं था।
जिया रसोई में आकर ईशा की तरफ देखकर मैं इन लोगों के लिए चाय लेकर जाना पड़ रहा है। मेरा तो सपना था मैं राहुल जी के लिए चाय लेकर जाऊगी। तेरा भाई कितना जिद्दी है यार। जिया का रोने जैसा चेहरा हो चुका था।
ईशा जिया का मुड सही करती हुईं। जिया मेरी तरफ देख तुझे मुझे पर विश्वास है ना? तेरे राहुल जी तेरे लिए जरूर आएगे यह ईशा को वादा है तेरे से।
जिया ईशा की तरफ देखकर हां मैं सर हिला देती है। फिर चाय की ट्रे लेकर ईशा के साथ बाहर आ जाती है। जिया आगे चल रही होती हैं। ईशा उसके पिछे।
नीर की नजर जिया के बदले ईशा पर चली जा रही होती हैं। ईशा के सर पर पट्टी बंधी देखकर उसके चेहरे पर अलग भाव आने लगते हैं। जिया चाय को टेबल पर रखती है।
पार्वती जी और अशोक जी को जिया बहुत सुंदर और प्यारी लग रही होती हैं।
रमा जी जिया को पैर छूने के इशारे करती है। जिया अन्दर ही अन्दर बहुत गुस्सा आ रहा होता है। जिया बेमन से पहले अशोक जी के पैर छुती है।
अशोक जी जिया के सर पर हाथ रखकर खुश रहो बेटा।
पार्वती जी के पैर छूती है। पार्वती जी जिया को अपने पास बैठाकर उसके सर चूमकर बहुत ही प्यारी बच्ची है।
नीर ईशा को जिया समझ लेता था। पर जब उसके मां बाप जिया को अपने पास बैठाया तो नीर सौरभ जी की तरफ देखता है।
सौरभ जी नीर की तरफ देखकर नीर बेटा यह है हमारी बेटी जिया।
जिया अभी कॉलेज पढ़ रही है,हम इसकी शादी अभी नहीं करेंगे बस सगाई करके रख देंगे अगर आप सब को मंजूर हो तो?
अशोक जी हाथ जोड़ते हुए। सौरभ जिया जैसी प्यारी बहू के लिए हम बहुत साल तक इंतजार करने को तैयार हैं।
नीर ईशा की तरफ कभी जिया की तरफ देखता रहता है। ईशा नीर को अपनी तरफ देखकर उसे अच्छा नहीं लगता है। रमा जी ईशा की तरफ देखकर यह हमारी बिटिया जैसी है।
हमने जिया और ईशा में कोई फर्क नहीं किया है। यह हमारे पड़ोस में रहती हैं। पड़ोसी कम परिवार ज्यादा है हम।
नीर यह सुनकर चौंक जाता है। उसे तो पहली नजर में ईशा भा जाती है। उसे क्या पता था जिया कौनसी है?
ईशा सब को नमस्ते करती है। जिया अशोक जी और पार्वती जी को चाय देती है। ईशा भी मदद करने लगती है।
पार्वती जी ईशा के सर पर बंधी पट्टी देखकर यह तुम्हारे सर पर पट्टी क्यों बंधी है ईशा बेटा?
ईशा रमा जी की तरफ देखती है कभी सौरभ जी की तरफ देखती है। वो आंटी एक एक्सीडेंट की वजह से डर पर चोट लग गई इसलिए पट्टी बंधी है।
नीर अभी भी ईशा को कभी जिया को देखता है। मन में बोलता है यह जिया है मुझे तो ईशा से पसंद आ चुकी है। मैं इन लोगों को बता देना चाहिए या नहीं?
जिया नीर को चाय देती है। पर उसके घबराने की वजह से नीर के शर्ट पर चाय गिर जाती है। जिया डर जाती है। माफ करना हमें हमारी वजह से…
अशोक जी जिया की तरफ देखकर अरे बेटा कोई नहीं हो जाता है कभी कभी तुमने तो सिर्फ शर्ट पर चाय गिराई है। हमारी धर्मपत्नी ने तो पूरा चाय से नहला दिया था।
यह सुनकर सब हंसने लगते हैं। पार्वती जी अशोक जी घूरने लगती है। नीर जिया की तरफ देखकर वो यह साफ करने के लिए बाथरूम कहा होगा?
जिया उसे बाथरूम का रास्ता बता देती है। रमा जी उसे साथ में जाने को कहती हैं। जिया मन मारकर उसके पिछे जाती है।
नीर वाशपैसन के पास आकर अपनी शर्ट पर पानी से साफ करता है। जिया एक छोटा टोवल लेकर खड़ी होती है। नीर को टोवल देती है। नीर जिया की तरफ देखकर आप जिया है?
जिया नीर को पालतु सवाल के घुरती।
मेरा मतलब वो मैंने ईशा जी को आप समझ लिया था इसलिए।
जिया नीर की तरफ देखती रहती है।
राहुल घड़ी देखता है। साढ़े सात होने वाले हैं लड़के वाले तो आ गए होंगे। अगर यह रिश्ता तय हो गया तो मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा। मुझे कुछ करना होगा।
ईशा नीर और जिया जिस तरह गए। उस तरफ बार बार नजर दौड़ाती है। यह दोनों अभी तक आए क्यों नहीं? अभि जिया ने कुछ गड़बड़ तो नहीं कर दी ना? हे कृष्ण कन्हैया मदद करो।
सौरभ जी अशोक जी सब बातें मैं लगे होते हैं। रमा जी सामने देखती हुई। इन लोगों को कुछ ज्यादा ही समय लग गया है ना।
अगले भाग में
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धन्यवाद
पूजा गोयल