ईशा अस्पताल में चली आती है। जिया उसके पिछे आती है। ईशु तु समझ क्यों नहीं रही है। वो लड़का तेरे लायक नहीं है समझ यार तु।
ईशा जिया की तरफ देखकर थोड़ा चिढ़ती हुए जिया प्लीज़ अभी इन सब की कोई बात मत कर प्लीज़। इतना कहकर ईशा डाक्टर के केबिन की तरफ बढ़ जाती है।
डॉक्टर ईशा को देखकर नर्स को ईशा की पट्टी खोलने को कहता है। ईशा नर्स की पीछे चली जाती है।
राहुल केबिन की तरफ आकर खड़ा होता है। दरवाजे के बारे मैनेजर रूम लिखा था। राहुल उस पर हल्का हाथ फेरता है। फिर दरवाजा खोलकर अन्दर चला जाता है। कमरा ज्यादा बड़ा या ज्यादा छोटा नहीं था नोर्मल कमरा था।
एक साइड कांच की बड़ी सी टेबल थी। टेबल के एक साइड चार कुर्सी थी। दूसरे साइड एक कुर्सी थी। टेबल के पास फाइल की रैंक थी। उसके पास बाथरूम का दरवाजा था। एक साइड खिड़की बनी हुई थी ज्यादा बड़ी नहीं थी। नार्मल साइज की थी।
राहुल टेबल के पास आता है। टेबल पर कुछ फाइल थी और लैपटॉप पड़ा था। राहुल कुर्सी पर बैठकर लैपटॉप आन करता है फिर फाइल को पढ़ने लगता है। राहुल आज पहले दिन बहुत लग्न से काम कर रहा था।
राघव कम्प्यूटर में कैमरे की सहायता से देख रहा था। राघव मुस्करा जाता है। जब हमारी नियति सही हो ना तो काम करने वाले भी अच्छे मिलते हैं। मुझे पता है राहुल तुम बहुत ईमानदार और अच्छे इंसान हो।
ईशा की पट्टी खुलवाकर जिया और ईशा दोनों अस्पताल के बाहर आते हैं। ईशा जिया की तरफ देखकर अब मुंह मत फुला चल चाय पिते हुए बात करते हैं। ईशा और जिया पास में चाय स्टॉल पर चली जाती है।
ईशा और जिया दोनों कुर्सी पर बैठ जाती है। चाय और कुछ स्नेक्स का आर्डर देकर बातें करने लग जाती है।
ईशा जिया के हाथ पर अपना हाथ रखकर जिया तुने ऐसा अवि में क्या देख लिया जो तु मुझे बार बार अवि से शादी करने को मना कर रही है?
जिया ईशा की तरफ देखकर ईशु तुझे उसमें ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया क्या? ईशु तेरी सगाई के वक्त मैंने उसके चेहरे पर सिर्फ हैवानी की मुस्कान देखी थी। एक नंबर के देहज के भूखे हैं वो लोग। ईशु तु इतनी पागल कैसे हो सकती है तु उस लड़के से शादी कर रही है। तेरी इज्जत नहीं करता है वो पती पत्नी के रिश्ते में बंधने जा रहे हो तुम लोग गुडा गुड़ी का खेल नहीं है ईशु यह सब।
इतने में दो कप चाय और कुछ स्नेक्स आ जाते हैं। ईशा चाय का एक घूंट पिकर जिया की तरफ देखकर। जिया तुम्हें पता है ना मां पापा सबने हम पर बहुत अहसान किया है सगी ना होकर भी सगी से बढ़कर माना है मुझे। उन्होंने मेरे लिए अच्छा ही चुना होगा ना अवि को मैंने नहीं मेरे मां बाप ने चुना है। उनका अहसास है मुझ पर तो मैं उनकी पसंद को ना कैसे कह दूं?
जिया कुछ नहीं बोलती है। उसे समझ नहीं आता है वो ईशा को कैसे समझाए और एक तरफ देखा जाए तो ईशा की बात भी सच थी।
जिया ईशा की तरफ देखकर ईशा मैं तुझसे एक बात पूछूं क्या? तु उसका एकदम सही जवाब देगी ना?
ईशा जिया की तरफ देखकर हां बोल ना क्या पूछना चाहती है?
ईशा तेरा भी तो कोई सपना होगा ना? तुझे कैसा जीवनसाथी चाहिए?
ईशा यह सुनकर एक बार तो चायपिती हुए रूक जाती है। ईशा खोई हुई सी जवाब देती है। मुझे मेरा जीवनसाथी मैं कुछ खास नहीं चाहिए वो काला हो या गौरा मुझे इसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हां वो बस लड़की की इज्जत करें लड़की से ज्यादा वो अपनी मां की इज्जत करें। पैसे वाला हो तो वो अपना घमंड बिल्कुल ना करें। मुझे वो आज का जनरेशन वाला प्यार नहीं चाहिए। वो पहले जैसा प्यार चाहिए जो आंखो आंखो से पता चल जाए प्यार कितना है जो।
जिया यह सुनकर मन में बोलती है हे कृष्ण कन्हैया आज ईशा ने अपने दिल की बात बताई है प्लीज़ उस अवि की जगह आप इसका किसी और के साथ..।
ईशा नार्मल होती है। ईशा और जिया पेमेंट करके बाहर आ जाते हैं। सड़कों पर घुमते हुए दोनों घर जा रहे होते हैं। ईशा और जिया दोनों के पास एक बुढ़ी औरत आती है जिनके कपड़े फटे होते हैं। खाने को कुछ मांग रही होती हैं।
ईशा जिया की तरफ देखती है जिया ईशा की तरफ ईशा उस औरत को एक बैच पर बैठाकर जिया एक दुकान में जाकर एक पानी की बौतल और कुछ खाने को लाकर उस औरत को दे देती है।
वो औरत ईशा और जिया को खूब आशीष देती है।
ईशा और जिया को ओटो मिल जाता है। वो दोनों बैठकर घर की तरफ चली जाती है।
अनिता जी मन्दिर में हाथ जोड़कर थैंक्यू भगवान आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपने जिया को राहुल के लिए पसंद किया।
अगले भाग में
कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और समीक्षा जरुर दे
धन्यवाद
पूजा गोयल