अनचाही शादी में मनचाहा दूल्हा 79 | unchahi shadi me manchaha dulha 79

आशीष जी लैपटॉप पर काम कर रहे होते हैं। अचानक उनका फोन बजता है। फोन पर आवाज सुनकर खड़े हो जाते हैं। यह तुम क्या कह रहे हो? पागल हो गए हो क्या?

फोन कट हो जाता है। आशीष सघमे की तरफ कुर्सी पर बैठ जाते हैं।

ईशा तैयार होकर पहले से नीचे इतंजार कर रही होती हैं। जिया और रमा जी भी भी उनके घर आ जाते हैं। जिया ईशा के पास आकर उसके कान में कुछ बोलती है। ईशा उसे साइड में लेकर आती है। हां बोल‌ अब?

ईशु मुझे राहुल को प्रपोज करना अच्छे से तु कुछ आइडिया सोच ना?

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ईशा‌‌ कुछ सोचने लगती है। फिर आंख में चमक भरते हुए जिया के कान में कुछ कहती हैं। जिया ईशा की बात सुनकर खुश हो जाती है।

अनिता जी रमा जी और ममता जी तीनों बातें में लगी थी। तीनों तय कर रहे थे मार्केट से क्या लाना है?

ईशा और जिया भी उनमें शामिल हो जाती है।

फिर चारो मार्केट निकल जाते हैं। ईशा और जिया स्कूटी से जाती है। अनिता जी और रमा जी कैब से जाती है।

सभी ज्वैलरी मार्केट जाती है। रमा जी और जिया के पैसे की कोई कमी नहीं थी पर फिर भी वो लोग इतना दिखावटी नहीं करना चाहते थे।

जिया अपने लिए रिंग देखती है। उसे एक रिंग पसंद आ जाती है। जिया एक रिंग राहुल के लिए अलग पसंद करती हैं।

ईशा जिया के ज्वैलरी लगा कर देखती है। अनिता जी जिया के लिए कुछ ज्वैलरी देखती है।

सभी कपडे मार्केट में चले आते हैं। अनिता जी जिया के लिए साड़ी और सूट देखती है। ईशा को साड़ी बहुत पसंद आ जाती है। पर उसकी प्राइज देखकर वो छोड़ देती है। रमा जी और जिया ने यह देख लिया था।

जिया अपने लिए सगाई मैं पहनने के लिए साड़ी,ड्रेस देखती है।

सभी को भूख लग जाती है इसलिए सब नाश्ता करने के लिए होटल चले जाते हैं।

ईशा और जिया पार्लर चली जाती है। अनिता और रमा जी घर चले जाते हैं।

राहुल घड़ी में समय देखता है। उसके घर जाने का समय हो रहा था। राहुल बैग उठाकर राघव के केबिन में आता है। राघव वो‌ घर जाने का समय हो गया है इसलिए मैं अब निकलता हूं।

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राघव हां मैं सर हिला देता है। फिर राहुल की तरफ आकर उसके हाथ में रूपए की एक गढ़ी देता है। राहुल इतने रूपए देखकर राघव यह सब क्या है?

राहुल मैं कोई तुम्हारी ईमानदारी या तुम्हारी अच्छे काम की वजह से यह नहीं दे रहा हूं। तुम काबिल हो इसलिए दे रहा हूं। दो दिन बाद सगाई है तुम्हारी अपनी मंगेतर के लिए अच्छा गिफ्ट ले लेना और अपने लिए भी कुछ ले लेना मेरी तरफ से गिफ्ट समझ लो।

राहुल पैसे देखकर थोड़ा हिचकिचाता है। पर राहुल के ज्यादा कहने पर उसे रख लेता है।

राहुल घर के लिए निकल जाता है। राघव अंजलि को अपने केबिन में बुलाता है और उसे आगे बसंल ग्रुप का काम समझा देता है। अंजली का काम में कम ध्यान था राघव पर ज्यादा ध्यान था।

ईशा और जिया दोनों घर आ जाती है। ईशा देखती है। नीचे अभी कोई नहीं था। इसलिए वो‌ समान लेकर अपने कमरे में चली जाती है। फिर दरवाजा बंद करके पलंग पर बैठकर बच गए कोई देख लेता इतना समान तो क्या बोलती मैं?

यह जिया के बच्ची के कारण हमेशा मैं फंस जाती हूं। पर भाई और जिया का प्रपोज तो‌ मुझे भी‌ देखना है।

ईशा समान लेकर छत पर चली जाती है। छत पर‌ ठंड में रात को कोई नहीं जाता है इसलिए ईशा को‌ यह जगह अच्छी लगी थी। ईशा छत पर डेकोरेशन करने लगती है।

अनिता जी और ममता जी सगाई का न्योता दे रहे होते हैं फोन पर।

राहुल घर पर चला आता है। ईशा छत का डेकोरेशन करके नीचे आती है। उसे राहुल सिढिया चढ़ते हुए दिखाई देता है। ईशा राहुल को छत पर आते देख बिच में रोकती है। अरे भाई आप यहां?

राहुल ईशा को घूरकर देखता है।

ईशा बात को‌ सम्भालती हुए मेरा मतलब है आप ऊपर क्यों जा रहे हैं। ऊपर बहुत ठंडी हवा चल रही है।‌ आपको सर्दी लग जाएगी। फिर परसों आपकी सगाई भी है। आप नीचे चलिए हवा बन्द हो जाएगी तब मैं आपको खुद छत पर लेकर जाऊंगी। इतना कहकर ईशा राहुल का हाथ पकड़कर नीचे ले आती है।

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राहुल ईशा की तरफ घूरता रहता है यह पागल जैसी बातें क्यों कर रही है। पक्का कुछ खिचड़ी पक रही है इसके और जिया के बीच।

अनिता जी और ममता जी खाना बनाने लग जाते हैं। आज दोनों ही खाने बनाने मे लेट हो गए थे।

आशिष जी आफिस से टेंशन में निकलकर गाड़ी में आकर बैठ जाते हैं घर जाने के लिए।

राघव भी घर के लिए निकल जाता है। उसे रास्ते में वही फूल वाली दुकान दिखाई देती है। उसे फूल देखकर ईशा की याद आने लगती है। मन में बोलता है। मैं राहुल से ईशा जी के बारे में पूछना ही बुल गया कल उनसे नंबर लेकर मैं पूछता हूं।

राहुल अपने कमरे में बैठा था। जिया का फोन आ जाता है। जिया राहुल को रात के ग्यारह बजे छत पर बुलाती है पर यह नहीं कहती हैं उसके लिए कुछ प्लान है बस उसे मिलने के लिए छत पर बुलाती है।

राहुल अनिता जी के कमरे में आता है। अभिलाष जी और अनिता जी दोनों कमरे में थे। राहुल अन्दर आता है। फिर दोनों की तरफ देखकर अपने जेब से राघव के दिए पैसे निकालता है। राहुल के पास इतने पैसे देखकर अभिलाष जी और अनिता जी दोनों हैरान‌ रह जाते हैं।

ईशा अपने कमरे में हां जिया वो सब काम मैने कर दिया है तु छत पर जाकर एक बार देख ले और सुन लो लेना मत भुलना समझी हां ठीक है। इतना कहकर ईशा फोन कट कर देती है।

अभिलाष जी राहुल के पास आकर बेटा इतने रूपए तुम्हारे पास कैसे आए हैं? तुम्हें तो दो दिन हुए हैं ना काम करते हुए फिर यह सब..?


अगले भाग में

कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और समीक्षा जरुर दे

धन्यवाद

पूजा गोयल

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