अनचाही शादी में मनचाहा दूल्हा 92 | unchahi shadi me manchaha dulha 92

तुम्हें इतनी सी शरम नहीं आई मेरे पर किचड़ उछाल कर। तुम कौनसे दूध के नाए हो। और किसे चरित्रहीन कह रहे हो तुम जो खुद एक लड़की से सगाई करके दूसरी लड़की से प्यार करते हो।

अवि और बाकी सब यह सुनकर हैरान रह जाते हैं। ईशा की आंख से आंसू बहने लगते हैं। जिया उसे सम्भालती है। ईशा जिया की तरफ देखकर जिया तु सही कह रही थी। अवि मेरे लायक नहीं है। मेरे किस्मत ऐसे ही है।

जिया माफ़ कर दे तु मुझे मैंने तेरी बात नहीं मानी थी। पर जब कल मैंने छत पर अवि को किसी लड़की से फोन पर बात करते देखा तो सारा सच सुनकर मैं खुद हैरान रह गई थी।

अवि ईशा की बात सुनकर हैरान रह जाता है। राघव भी यह सुनकर यह सब देखकर हैरान था।

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ईशा नीचे बैठ जाती है रोते हुए। आप सब को लगता है। मैं चरित्रहीन हूं क्या कभी आप लोगों ने मुझे ऐसा देखा है?

जिया ईशा को सम्भालती है। राहुल अवि की तरफ देखकर क्या चाहता है तु अब?

अवि कुछ नहीं मुझे कुछ बताना पड़ा ही नहीं तुम सब समझ ही‌ गए होंगे मुझे तुम्हारी बहन‌ से शादी नहीं करनी है। इतना कहकर अवि वहां से चला जाता है। उसके पिछे उसके मां बाप और बाराती भी चले जाते हैं।

ममता जी बेहोश होने लगती है। राहुल और बाकी सब उन्हें सम्हालते हुए सोफे पर बैठाते हैं। ईशा को रो रोकर बुरा हाल हो चुका था। जिया और रमा जी उसे सम्भाल रही होती हैं। आस पड़ोसी में ईशा और उसके परिवार वालों की बातें बनने लगी थी।

ममता जी सोफे पर बैठी होती है। ईशा उनके पास आती है। मां आप ठीक तो है ना?

ममता ईशा के गाल पर हाथ रखकर कौन तेरे से शादी करेगा बेटा क्यों तु सबको पहले ही अपनी सच्चाई बता देती है। ईशा रोने लगती है।

मां आप क्या चाहती है मैं किसी के साथ धोखाधड़ी से शादी करूं। नहीं मां ऐसा नहीं कर सकती मैं आज जब सच्चाई पता होने पर भी उन लोगों ने मेरे पर भरोसा नहीं किया था। अगर पता नहीं होता शादी के बाद तो वो मेरी क्या हालत करते मां?

राघव आशा जी की तरफ देखता है। आशा जी हां मैं पलक झपका देती है। राघव आगे आकर मैं ईशा जी शादी करना चाहता हूं।

राघव की बात सुनकर सभी हैरान रह जाते हैं। राहुल की नजर राघव पर टिक जाती है। राघव सबके सामने हाथ जोड़कर आज मेरी वजह से ही यह सब हुआ है। मुझे माफ़ कर दिजिए। मुझे नही पता था इतना सब कुछ हो जाएगा। कल ईशा जी कमरे में राहुल से पूछकर गया था। ईशा जी वहां नहीं थी। राहुल ने भी मुझे वहां भेजा था।

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मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था ना है मैं आप सबको तकलीफ नहीं देना चाहता हूं। मेरी वजह से ग़लती हुई है मैं ईशा जी से शादी करने के लिए तैयार हूं।

ईशा को राघव के ऊपर गुस्सा आ रहा होता है। जिया मन में वहां भगवान आपने मेरी ऐसी सुननी थी। पर भगवान आपने बड़े पापा जी और पापा जी का नाम तो खराब नहीं करना चाहिए था ना।

राघव आलोक जी के पास आकर अकंल मेरी वजह से आप सब को जो तकलीफ हुई उसके लिए माफी मांगता हूं। मैं ईशा जी को अपनाने के लिए तैयार हूं।

राहुल राघव की तरफ देखकर पर तुम्हें ईशा की पूरी सच्चाई पता नहीं है उसके अतीत के बारे में भी नहीं पता है तुम्हें।

राहुल मुझे कुछ नहीं जानना है। मुझे ईशा जी के पास्ट से कोई मतलब नहीं है। ईशा यह सुनकर राघव की तरफ देखने लगती है। उसे हैरानी होती है।

आलोक जी क्या करते अपनी इज्जत बचाने के लिए ईशा की तरफ देखते हैं। ईशा को पता था,अगर वो ना कहेगी तो सब परिवार वालों पर किचड़ उछालेगे इसलिए वो कुछ नहीं बोलती है।

राघव और ईशा दोनों को मंडप में बैठा दिया जाता है। जिया खुश थी ईशा की शादी अवि के साथ नहीं हो रही है।

ईशा और राघव दोनों एक दूसरे को वरमाला पहनाते हैं। दोनों का गठबंधन किया जाता है। पंडित जी फेरों के लिए खड़ा होने को‌ कहते हैं। ईशा की आंख में अवि के साथ बिताया पल कभी राघव के साथ बिताया पल सब याद आ रहा था।

राघव ईशा की मांग में सिंदूर लगाया है। ईशा की आंख बन्द हो जाती है। साथ ही आंख से पानी निकल आती है। राघव समझ जाता है ईशा अभी किस हालत में है।

आशा जी ईशा और राघव के पास आती है। ईशा की तरफ आकर बेटा चिंता मत करो तुम्हें उस घर में कोई तकलीफ़ नहीं होगी मैं तुम्हारी मां बनकर रहूंगी।

ईशा कुछ नहीं बोलती है। ईशा की विदाई का वक्त आ चुका था। आस पड़ोसी में अभी भी खुसर फुसर चल रही होती हैं।

आलोक जी ईशा को गले लगाकर ध्यान रखना अपना और नया परिवार सबकुछ नया है किसी को तकलीफ़ ना हो ध्यान रखना।

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ममता जी ईशा के सर चूमकर रोने लगती है।

ईशा सबसे मिलती है। फिर राघव और ईशा बाहर की तरफ निकल जाते हैं। आशा जी सबके सामने हाथ जोड़ती है। चिंता मत कीजिए ईशा हमारे घर कोई तकलीफ़ नहीं होगी।

ईशा और राघव गाडी में बैठ जाते हैं। आशा जी आगे बैठ जाती है। ड्राइवर के पास वाली सीट पर। ईशा की आंख में आसूं आते सूख गए थे। उसकी आंख सूज गई थी।

मधु जी घर के सोफे पर बैठी थी। आशीष जी फाइल लेकर किसी से फोन‌ पर बात कर रहे थे। हिमा घर पर नहीं थी।

डोरबेल बजती है। मधु जी दरवाजा खोलती है। सामने देखकर चौंक जाती है। उसके मुंह से निकलता है राघव यह सब.. आशीष जी भी दरवाजे की तरफ आते हैं। राघव को किसी लड़की के साथ गठबंधन मे देखकर हैरान रह जाते हैं।

आशा जी पिछे आती है। मधु जी आशा जी की तरफ देखकर भाभी यह सब क्या है? कौन है यह लड़की आप तो किसी शादी में गए थे ना?

आशा जी मधु जी की तरफ देखकर मधु यह बात हम बाद में करेंगे तो अच्छा रहेगा अभी बहू घर आई है उसकी तैयारी करो।

आशीष जी आशा जी से भाभीसा हम इस लड़की को जानते नहीं हैं पहचानते नहीं है आप इसे बहू बनाकर लेकर आ गई गर्ग परिवार की।

आशु जी मैंने एक बार बोला ना बाद में सब पता चल जाएगा। मधु मन्दिर से आरती की थाल लेकर आओ और एक कलश में चावल भरकर लेकर आओ।

मधु जी गुस्से से बड़बड़ाती अन्दर जाती है। आशा जी अन्दर आती है। ईशा की आंख नम हो रही होती हैं। राघव ईशा की तरफ देखता है धीरे से बोलता है। यह मेरे चाचा चाची है। आप इनकी बात का बुरा मत मानना यह दोनों ऐसे ही है।

ईशा की नजर राघव पर चली जाती है। आशा जी दोनों की आरती उतारती है। तिलक लगाकर अन्दर आने को कहती हैं। ईशा चावल के कलश के पैर लगाकर अन्दर आती है।

आशा जी ईशा की तरफ देखकर फिर मधु और आशीष जी की तरफ देखकर तो तुम दोनों को जानना है ना यह कौन है और मैं कैसे इसे बहू बनाकर लेकर आ गई?


अगले भाग में

कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और समीक्षा जरुर दे

धन्यवाद

पूजा गोयल

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