राघव घर आते हैं। आशा जी खाना खाकर अपने कमरे में चली गई थी। मधु जी अपनी किटी पार्टी में,हिमा भी घर पर नहीं थी। आशीष जी अभी तक आफिस से नहीं आए थे।
ईशा नीचे सोफे पर बैठी राघव का इंतजार कर रही होती हैं। उसे पता था अब यही उसका घर है उसकी वजह से उसके परिवार वाले ने बहुत कुछ सहन किया है।
गाड़ी रूकने की आवाज आती है। ईशा की धड़कन तेज हो जाती है। ईशा उठकर किचन की तरफ चली जाती है। राघव अन्दर आता है। देखता है घर में आज शांती थी। राघव अपने कमरे की तरफ बढ़ जाता है।
सिढियो चढ़ता हुआ जोर से बोलता है। काका एक कप काफी भेजना।
ईशा किचन में खड़ी सुन लेती है। उसे काका दिखाई नहीं देते हैं इसलिए वो खुद ही काफी बनाने लगती है उसे पता नहीं था राघव किस तरह की काफी पीता है।
ईशा काफी लेकर कमरे में चली जाती है। राघव सर सोफे पर रखकर आंख बन्द किए हुए बैठा था। उसे कुछ महसूस हुआ आंख खोलकर दिखता है। सामने ईशा खड़ी थी।
राघव ईशा को देखकर सही से बैठता है आप। आप काका को कह देती वो ले आते।
काका की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए आज मैंने उन्हें जल्दी जाने को कह दिया था। आपको काफी की आवाज सुनी थी इसलिए मैंने बना दिया। ईशा थोड़ी चिड़ी हुए बोलती है।
राघव बिना कुछ आगे बोले ईशा से काफी ले लेता है। ईशा बाथरूम में चली जाती है। राघव काफी का एक घुट पीता है। मन में अरे यह तो बिल्कुल अच्छी बनी है शक्कर भी कम जैसे मैं पीता हूं।
ईशा बाथरूम से आती है। उसने सूट पहन रखा था। राघव ईशा को देखकर ईशा जी। राघव की आवाज मैं इतनी मिठास थी की ईशा को रोकने से रोक नहीं पाया था।
ईशा पीछे मुड़कर देखती है।
थैंक्यू काफी अच्छी बनी है। ईशा राघव से तारीफ सुनकर उसकी धड़कन तेज हो जाती है। ईशा कुछ नहीं बोलती है वो कमरे से निकलकर छत पर आ जाती है।
ईशा छत पर आकर एक बैच पर बैठ जाती है। ठंडी हवा उसे छूकर जा रही होती हैं। ईशा को राघव से शादी करना, सगाई मे टक्कराना, उस दिन रास्ते में मदद करना सब ईशा को याद आ रहा था।
ईशा का फोन बजता है। ईशा नंबर देखकर जिया का फोन था। ईशा फोन उठाकर हैलो जिया!
जिया ईशा की आवाज सुनकर इमोशनल हो जाती है। कैसी है तू?
ठिक हूं तु कैसी है? मां और पापा सही है ना?
ईशा यह सब अच्छा है। तुम बिल्कुल चिंता मत करो। ईशा वहां सब सही है ना राघव का सम्भाव और आशा मैम का सभ्भाव अच्छा है ना?
ईशा मुस्करा कर हां जिया यह सब अच्छा है। आशा मां तो मुझे अपनी बेटी बनाकर रख रही हैं। पर यह बेटी बनकर थोड़े दिन ही रहूंगी। क्योंकि जिया अभी तक हमने इन सब को हमारी सच्चाई नहीं बताई है ईशा अगर यह पास्ट कही और से पता चला तो क्या हालत होगी इन सब की?
ईशा चिंता मत करो सब सही होगा। तुम्हें अवि से बेहतर और समझदार मिला है राघव। राघव जी बहुत समझदार हैं ईशा तु चिंता मत कर।
ईशा तुझे याद है तुझे मनचाही पति मैं जो खूबी चाहिए थी वही कृष्ण भगवान ने तूझे दिया है। ईशा को उस दिन होटल वाली बात याद आने लगती है।
मुझे मेरा जीवनसाथी मैं कुछ खास नहीं चाहिए वो काला हो या गौरा मुझे इसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हां वो बस लड़की की इज्जत करें लड़की से ज्यादा वो अपनी मां की इज्जत करें। पैसे वाला हो तो वो अपना घमंड बिल्कुल ना करें। मुझे वो आज का जनरेशन वाला प्यार नहीं चाहिए। वो पहले जैसा प्यार चाहिए जो आंखो आंखो से पता चल जाए प्यार कितना है जो।
ईशा राघव भी बिल्कुल ऐसा ही है। वो अपनी मां से सबसे ज्यादा प्यार करते हैं। लड़की इज्जत तो तुने खुद ही देख लिया। और तुम दोनों को देखकर लग रहा है यह आज का समय का प्यार नहीं होने वाला है। ईशा तुझे जैसा मनचाही दूल्हा चाहिए था वो राघव ही है। तु अपना और सबका ख्याल रखना मैं कल फिर फोन करूंगी।
ईशा फोन रखती है। उसे जिया की बात घूमने लगती है। ईशा तुझे जैसा मनचाही दूल्हा चाहिए था वो राघव ही है। राघव ऊपर आता है। ईशा को देखकर उसके पास आकर उसे एक सॉल उठाता है।
ईशा सॉल को देखकर राघव की तरफ देखती है।
हवा बहुत ठंडी है इसलिए सोचा तुम्हें ठंड ना लग जाए। ईशा कुछ नहीं बोलती है।
राघव नीचे जाने के लिए पीछे मुड़ता है। ईशा राघव की तरफ देखकर राघव जी।
राघव ईशा की आवाज सुनकर उसकी तरफ देखता है।
राघव जी मुझे आपसे कुछ बात करनी है। राघव ईशा की तरफ देखकर ईशा जी मुझे पता है आप अपने अतीत के बारे में मुझसे बात करना चाहती है। पर आप यकीन कीजिए मुझे आपके अतीत से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
ईशा राघव की तरफ अगर मेरा अतीत किसी गंदगी से जुड़ा हो तो भी आपको फर्क नहीं पड़ता क्या राघव जी?
राघव ईशा की बात सुनकर उसकी तरफ देखने लगता है। हां राघव जी मैं किसी की पहले से इस्तेमाल किए हुए चीज हू ईशा चिल्लाकर और रोते हुए बोलती है।
राघव यह सुनकर चौंक जाता है। पर वो ईशा के सामने कोई रिएक्टर नहीं करता है। ईशा बैच पर बैठ जाती है। मैं पहले से किसी की इस्तेमाल किए चीज हू। इसलिए तो मुझे अवि ने छोड़ दिया है।
मेरे मां बाप का पहले से कुछ पता नहीं था। मैं बचपन से ही किसी एनजीओ में रही हूं। हर कोई मुझे यही कहता था। मेरे मां बाप की ग़लती की वजह से मेरा जन्म हो गया है। ईशा रो जा रही थी।
राघव से देखा नहीं गया था। ईशा जी प्लीज़ आप चुप हो जाईए।
ईशा की नजर राघव पर जाती है। राघव जी अभी तक आपने हमारी पूरी सच्चाई नहीं सुनी है।
जब मैं सात आठ साल की थी। तब एनजीओ के किसी सर ने मेरे साथ गलत काम करने की कोशिश की थी और वो कामयाब भी हो गया था। मैं यह बात वहां के मालिक को बताना चाहती थी पर उस सर की धमकी से मैं नहीं बता पाई थी।
एक दिन मुझे वहां से भागने का मौका मिल गया था। मैं वह से भागकर सड़क के पास आ गई थी। वहा आकर मुझे चक्कर आने लगे मैं बेहोश हो चुकी थी।
आंख खुली तब अस्पताल में थी। पास में राहुल भाई और पापा खड़े थे। उन्होंने मुझे रास्ते में बेहोश देखकर एडमिट करवाया था। एनजीओ वाले ने मेरे बारे में कुछ पता नहीं लगाया था।
डॉक्टर ने पापा को बता दिया था। मेरे साथ क्या हो चुका है। पापा थोड़े दिन मुझे अपने घर लेकर आएं थे। पर मां और भाई को मेरे बहुत लगाव हो गया था। मां को घर पर सब को मेरी सच्चाई पता चली तो मैंने सोचा मुझे यहां अब कोई नहीं रखेगा। पर उन सब ने तो मुझे बेटी से भी बढ़कर रखा है। ईशा की आंख में आसूं धराधर बह रहे होते हैं।
राघव ईशा की सच्चाई सुनकर कोई फर्क नहीं पड़ता है। उसे अब और ज्यादा ईशा से प्यार हो गया था। राघव ईशा के लिए एक गिलास पानी लेकर आता है। ईशा की तरफ बढ़ाकर ईशा जी।
ईशा राघव की तरफ देखकर पानी का गिलास ले लेती है। पानी पिकर फिर राघव की तरफ देखती है। क्या आप अभी भी मुझे अपने घर रखेंगे? क्या आपको अब भी मेरे पास्ट से कोई मतलब नहीं है?
राघव सांस छोड़कर ईशा के पास वाली कुर्सी पर बैठकर ईशा जी मुझे अभी भी आपके पास्ट से कोई मतलब नहीं है। इस सब में आपकी क्या ग़लती है। राघव ईशा को मन ही मन चाहने लगा था। पर वो ईशा को वक्त देना चाहता था।
ईशा कुछ नहीं बोलती है। ईशा वहां से उठकर नीचे चली आती है। किचन में आकर खाने की प्लेट लगाकर खाना ऊपर छत पर लाती है। राघव ऊपर बैच पर बैठा चांद को निहार रहा था।
ईशा राघव के आगे प्लेट रखकर खाना खा लिजिए इतना कहकर नीचे जाने लगती है।
ईशा जी राघव की आवाज सुनकर ईशा राघव की तरफ देखती है।
आपने खाना खा लिया? ईशा हां मैं सर हिला देती है। और वहां से चली जाती है।
राघव खाना खाने बैठ जाता है। राघव खीर खाता है। यह स्वाद मां का तो नहीं है। ना ही चाची का फिर ईशा जी ने बनाई है यह खीर।
ईशा कमरे में आकर पलंग पर बैठी रहती है। उसे जिया की बात याद आने लगती है। राघव मनचाही दूल्हा है तेरे लिए ईशा। राघव का यह कहना उसे पास्ट से कोई मतलब नहीं है। ईशा इन सब के बारे में सोचती रहती है।
ईशा मन्दिर में आकर कृष्ण कन्हैया आप ही बताईए ना मेरे लिए क्या सही है। पहले जो पति बनने जा रहा था वो तो मुझे मंडप के बिच में छोड़कर चला गया जा। अब राघव जी जो मेरे पति के रूप में आपने चुना है। इन्हें मेरा पास्ट से कोई मतलब नहीं है। फिर मुझे क्यों डर लग रहा है?
ईशा कमरे में आ जाती है। राघव सोफे पर बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था। ईशा पलंग पर आकर बैठ जाती है। राघव कमरे से निकलकर लैपटॉप लेकर बाहर जाने लगते हैं।
ईशा राघव को रोककर राघव जी। राघव ईशा की तरफ देखता है।
आप बाहर क्यों जा रहे हैं? आप यह सो जाईए हम सोफे पर सो जाएंगे।
राघव ईशा की तरफ देखता रहता है। उसे भी पता था। उसे थोड़ा कदम बढ़ाना होगा तभी ईशा अपना पास्ट बुल पाएगी।
ईशा जी आप बैड पर सो जाईए मैं सोफे पर सो जाऊंगा। अभी मैं नीचे लैपटॉप पर काम करने जा रहा हूं। आपको डिस्टर्ब होगा लाईट चालू रहेगी इसलिए।
ईशा कुछ नहीं बोलती है। राघव कमरे से निकलकर नीचे चला जाता है। ईशा बैड पर लेट जाती है। ईशा थक चुकी थी इसलिए नीद में चली गई थी।
सुबह का सूरज की किरण राघव के कमरे की खिड़की से ईशा और राघव दोनों के सर पर आती है। ईशा की आंख खुल जाती है। ईशा उठकर उबासी लेते हुए। राघव पर नजर जाती है। जो सोफे पर सोया हुआ था। उसके सर पर धूप आने लगी थी। ईशा उठकर खिड़की बन्द कर देती है।
फिर कबर्ड को धीरे से खोलकर बाथरूम में चली जाती है। राघव आंख बन्द करके सो रहा था। ईशा के बाथरूम में जाते ही उठकर बैठ जाता है। उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है। ईशा का खिड़की बन्द करना कबर्ड धीरे से खोलना।
राघव मन में ईशा जी आपको आपका पास्ट मैं बुलाकर रहूंगा। चिंता मत कीजिए अब आपको यहां से कोई अलग नहीं करेगा। आपके मन में भी मेरे लिए और परिवार के लिए प्यार जरुर दिखेगा।
अगले भाग में
कैसा लगा आज का भाग जरूर बताये और समीक्षा जरुर दे
धन्यवाद
पूजा गोयल