अनचाही शादी में प्यार 71 | Unchahi shadi me pyar 71

अनचाही शादी में प्यार 71 (Unchahi shadi me pyar 71)

सुबह के पांच बज चुके थे। ममता जी उठ गई थी। होली थी आज इसलिए वो भगवान के मन्दिर को अच्छे से सजा रही थी। ममता जी मन्दिर में थी उतने में ही जिया और अनिता जी आ जाती है।

जिया ने आज रेड कलर का कुर्ता और सरारा पहना था सर पर रेड कलर का डुप्पटा ओढ़ कर रखा था। जिया नीचे आकर भगवान की मूर्ती के सामने हाथ जोडती है।

फिर अनिता जी और ममता जी के पैर छूकर आशीर्वाद लेती है। हैपी होली मम्मी जी और बड़ी मां।

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हैपी होली बेटा दोनों साथ में बोलती है।

जिया भी ममता जी के पास आकर बैठ जाती है। उनके साथ भगवान के मन्दिर में सजावट करने लगती है।

ईशा राघव के एकदम करीब सो रही थी। राघव की तरफ मुंह करके अपना हाथ भी उसकी कमर पर लपेट कर रखा था। ईशा गहरी नींद में लग रही थी।‌

राघव की नींद खुल जाती है। उसे अपने ऊपर हल्का बार लगता है। वो थोड़ा उठकर देखता है ईशा का हाथ उसकी पेंट पर था और पैर उसके पैर पर था।

राघव अभी भी बिना शर्ट में था। वो ईशा का हाथ धीरे से हटाता है फिर उठकर बैठ जाता है। मोबाइल में समय देखता है अभी पांच ही बजे थे। वो ईशा की पैरों की तरफ देखता है उसकी स्माइल बढ़ जाती है।

राघव ईशा के पैरों को भी हटाता है धीरे से।‌

ईशा थोड़ा कुनमुनाती है फिर सो जाती है। राघव ईशा को देखकर मुस्कुरा जाता है। वो थोड़ा झुककर उसके सर पर किस करता है फिर उठकर ईशा को अच्छे से कंबल ओढ़ाता है।

राघव बाथरूम में चला जाता हैं। बाथरूम में मुंह धोकर आईने के सामने देखता है उसने टी शर्ट कुछ नहीं पहना था ऊपर तो वो बाथरूम से बाहर आकर सूटकेस एक टी शर्ट निकालकर पहन लेता है।

उसे याद आता है ईशा और वो दोनों रात को बहुत भीगे थे। सफ़र की थकान और भीगने की वजह से इतना थक चुके थे कि वो बिस्तर पर लेटते ही नींद आ गई थी।

पर कर पहली बार ईशा उसके इतने करीब थी‌। वो ईशा का दिल जीत रहा था धीरे धीरे।

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राघव टी शर्ट पहने बाहर आता है। देखता है अभी तक कोई भी नहीं उठा था। वो रसोई में जाकर एक पतीले में चाय चढ़ा देता है।

उसे वो दिन याद आता है जब शादी के कुछ दिन बाद ईशा छत पर वहां रही थी भीगने की वजह से उसका जिस्म उबर रहा था वो देखकर राघव अपने आप पर काबू नहीं कर पाता है और ईशा का तरफ बढ़ जाता है।‌

इतने में चाय का पानी उबलने लगा था। राघव उसमें चाय के सभी मसाले डालकर उबालने लगता है।

इतने में काका उठकर आते हैं। राघव को रसोई में देखकर अरे राघव बाबू आप किचन में क्यों खड़े हो। कुछ चाहिए था तो हमें बता देते?

काका मैं आपका बेटा हूं इसलिए पहले तो आप मुझे आप  नहीं तुम कहकर बुलाईए और दूसरी बात आप मुझे या ईशा को मेहमान क्यों समझ रहे हैं अपने घर में ऐसा व्यवहार नहीं काका।।

राघव बेटा वो तो है तुम बिल्कुल बड़े मालिक जैसे हो। वो भी ऐसा ही कहते थे। तुम्हारी और ईशा बिटिया की जोड़ी बनाए रखें। काका इतना कहकर वहां से चले जाते हैं।

राघव चाय को दो कप में छानकर कमरे में लेकर आता है।

ईशा अभी भी सो रही थी। राघव उसे इतने प्यार से सोता देख उसे उठाने का मन नहीं करता है। राघव ईशा के होठो की तरफ बढ़ने लगता है। ईशा को महसूस होता है इसलिए वो चमक कर उठ जाती है।

राघव अपने हाथ बांधे ईशा को देख रहा था जो थोड़ी डरी डरी सी लग रही थी।

तुम सोने का नाटक कर रही थी?

ईशा ना में सर हिला देती है। नहीं… नहीं हम ऐसा क्यों करेंगे। ईशा भोली सी शक्ल बनाकर कहती हैं।

राघव को उसकी हरकत पर हंसी आ जाती है। राघव ईशा  के पास बैठकर उसकी तरफ चेहरा बढ़ाकर फिर मैं अभी जो करने वाला था वो में कर दू।

ईशा समझ रही थी वो उठकर जाने लगती है।

राघव उसका हाथ पकड़ कर अपने गोद में बैठा लेता है। क्या हुआ मूड खराब क्यों है??

कुछ नहीं ईशा दूसरी तरफ देखती हुई कहती हैं। राघव उसके पास बढ़कर उसके गाल पर किस करता है। धीरे धीरे वो उसकी गले लत आ जाता है अपना होठो को हल्का सा छूता हुआ।‌

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ईशा की आंख बन्द हो जाती है वो राघव की टी शर्ट को दोनों हाथों से कस लेती है।‌

छोड़िए ना नहाने जाना है। फिर मन्दिर के लिए लेट हो जाएगा।

राघव अपनी पकड़ ढीली करता है। तुम कहो तो साथ में नहा ले आए समय कम लगेगा। राघव की बात सुनकर ईशा उसकी तरफ आंख निकालकर देखती है।

बहुत बेशर्म हो गए हो आप। हमें तो बहुत शरीफ लगते थे पर पता नहीं अचानक यह सब हरकतें कहा है आ गई।

राघव ईशा के कान के पास आकर धीरे से बोलता है। जब वाइफ इतनी प्यारी हो तो कभी कभी बेशर्म हो जाना चाहिए पर अपनी वाइफ के साथ।

छोड़िए आप हमें ईशा थोड़ा कसमसाती है। राघव दोनों हाथ फैलाकर मैने तुम्हे पकड़ कर कब रखा।

ईशा उसकी बात सुनकर सकपका जाती है। और उठकर बाथरूम चली जाती है।

राघव कंधा उचका देता है सच में इसको समझना मुश्किल है।‌ पर आज सुबह इतनी प्यारी और रोमांटिक देखकर उसके चेहरे पर स्माइल बढ़ जाती है।

राहुल अभी तक सो रहा था। सुबह के छः बज चुके थे। जिया उसके लिए चाय लेकर आती है कमरे में। जिया राहुल को उठाने लगती है। राहुल उठो चाय तैयार है आज होली है तो घर में सौ काम है मैं पहले ही कह देती हूं तुम जल्दी उठ जाओ।‌

राहुल आंख बन्द किए नाटक में सो रहा था वो जिया को तंग कर रहा था। जिया उसे ऐसे उठते ना देख उसकी अंगुली पकड़ कर चाय के कप की तरफ लेकर जाती पर उसे पहले ही राहुल उसे अपने ऊपर खींच लेता है।

जिया ऐसे अचानक खिंचने से राहुल के ऊपर आ जाती है। राहुल आंख खोलकर पलटी मारता है जिया को अपने नीचे लेकर खुद ऊपर आता है।

राहुल जी जाने दीजिए सुबह सुबह रोमांटिक होना हमारा मूड नहीं है प्लीज़ बहुत काम पड़े हैं जाने दीजिए। जिया रिक्वेस्ट करती‌।

राहुल ना मैं सर हिला देता है। तुम्हारी इतने दिन नाराजगी का बदला तो लेना होगा ना मुझे।


अगले भाग में

कैसा लगा आज का भाग जरूर बताएं और अनचाही शादी में प्यार 71 कैसा लगा आप सबको अनचाही शादी में प्यार 71

धन्यवाद

पूजा (kahanisangrah.in)

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