अनचाही शादी में प्यार 72 (Unchahi shadi me pyar 72)
राहुल जी जाने दीजिए सुबह सुबह रोमांटिक होना हमारा मूड नहीं है प्लीज़ बहुत काम पड़े हैं जाने दीजिए। जिया रिक्वेस्ट करती।
राहुल ना मैं सर हिला देता है। तुम्हारी इतने दिन नाराजगी का बदला तो लेना होगा ना मुझे।
जिया राहुल की तरफ देखकर मासूम चेहरा बनाती हुई बदला!! वो क्यों?? हमने ऐसा क्या किया।
तुमने इतने दिन नाराज़ रहकर मुझे रोमांटिक नहीं होने दिया और ना ही तुम हुई तो इस बार थोड़ा हक मेरा बनता है ना!!
राहुल जी मैंने कब मना किया पर अभी सुबह हुई है यह सब बाद में अभी जाने दीजिए हमने गैस पर दूध चढ़ाया उबल गया तो अच्छा नहीं लगेगा त्योहार के दिन।
और तुम मेरे से इतने दिन नाराज़ थी वो अच्छा था!
राहुल माफी मांगी है ना मैंने भी आपसे और आपकी ग़लती की वजह से ही मैं नाराज़ थी।
राहुल अब कुछ नहीं सुनता है। राहुल जिया के करीब आने लगता है दोनों की सांसें तेज होने लगती है। कमरे में कोई आवाज नहीं थी जिसे उनकी धड़कन सुनाई दे रही थी।
राहुल आगे बढ़कर जिया के सर पर किस करता है। फिर उसकी दोनों आंखों पर एक एक करके किस करता है। कानों के पास आकर चिंता मत करो तुम्हारे इजाजत के बिना इसे आगे नहीं जाऊंगा। बस थोड़ी देर मेरे पास रहो ना तुम्हें महसूस करना है।
राहुल की बात सुनकर जिया आंख खोल लेती है उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान आ जाती है। वो भी अपना सर हल्का सा उठाकर राहुल के दोनों गालों को चूमती है फिर अपने होंठों को उसके होंठों रखने वाली थी इतने में नीचे से आवाज आती है।
जिया बेटा राहुल तुम दोनों नीचे आओ यह आवाज आलोक जी की थी।
जिया आलोक जी की आवाज बीच में ही रूक जाती है जिया राहुल की तरफ देखकर बड़े पापा की आवाज क्या हुआ होगा?
राहुल जिया की तरफ देखकर चलो नीचे चलते हैं। राहुल उसके ऊपर से उठकर नीचे जाता है। जिया भी उसके पीछे पीछे जाती है।
क्या हुआ बड़े पापा आपने हमें बुलाया!!
वहां पूरा गोयल परिवार जमा था। आलोक जी अभिलाष जी की तरफ देखते हैं फिर ममता जी की तरफ देखते हैं।
क्या हुआ बड़े पापा कोई परेशानी वाली बात जिया उन सबको ऐसे उदास देखकर बोलती है।
आलोक जी एक लंबी सांस छोड़कर जिया और राहुल तुम्हें तो पता ही है मैं और तुम्हारी बड़ी मां परसों घुमने के लिए निकल रहे हैं।
हां यह तो हमें पता है यह प्रोग्राम तो कब का बन गया था। फिर अचानक आज डिस्कस क्यों कक्ष रहे हैं। राहुल उन सबको परेशान देखकर बोलता है।
अभिलाष जी राहुल की तरफ देखकर राहुल बेटा कल शाम को मुझे और तेरी मां को भी हमारे गांव जाना है जहां तेरी बुआ रहती है जो काफी समय से बीमार है। अभी फोन आया है उनकी तबीयत ज्यादा खराब है इसलिए उन्होंने हम-सब को याद किया है तो हम दोनों कल एक महीने के लिए वहा जा रहे हैं।
पर पापा ऐसे अचानक बड़े भाई और भाभी वो दोनों है ना आप दोनों एक मंथ रहेंगे?
बेटा वो उनके बेटे और बहू है वो तो अपना फ़र्ज़ निभा रहे हैं पर बड़ी जीजी ने हमें याद किया है तो हमें भी वहां जाना चाहिए ना!!
राहुल हां मैं सर हिला देता है।
इसलिए तुम दोनों को घर की जिम्मेदारी दी जा रही है और दुकान की जिम्मेदारी भी क्योंकि भाईसाहब भी वहां से सीधा गांव आने वाले हैं फिर हम दोनों साथ में यहां आ जाएंगे।
क्या!!??
हां….आलोक जी बोलते हैं।
ईशा ममता जी और अनिता जी के पास आकर आप दोनों के बिना तो हम बोर जाएगा। दोनों मां ही एक महीने के लिए अपनी बेटी से अलग जा रही है। पर हमें पता है आप दोनों का जाना जरूरी है।
अनिता जिया के गाल पर हाथ रखकर चिंता मत करना मैंने रमा बहन और ईशा दोनों को बोल दिया है दोनों तुझे बोर नहीं होने देंगे और राहुल तो है ही।
आलोक अभिलाष जी की तरफ देखता है फिर हां मैं सर हिला देते हैं।
जिया बेटा एक बात और करनी थी अगर तु माने तो!!?
हां पापा जी कहिए ना।
बेटा तु थोड़े दिन दुकान सभ्भाल लेगी क्योंकि नौकरों के भरोसे दुकान छोड़ना तुम्हें तो पता ही है इसलिए अगर तु कर सके तो!! और तुम घर बैठी बोर भी नहीं होगी।
जिया राहुल की तरफ देखती है वो हां में पलकें झपका देता है।
जिया हां मैं सर हिला देती है अभिलाष जी की तरफ देखकर।
तो अब यह सब बात हो गई हो तो सबके लिए नाश्ता तैयार है। राहुल तुम नहाकर आ जा जल्दी और अभि तु भी नहाकर आजा जल्दी आज सब मिलकर नाश्ता करेंगे।
राहुल हां मैं सर हिला कर ऊपर कमरे में चला जाता हैं। उसके पीछे जिया भी।
राहुल कमरे में आकर बैड पर बैठकर यह अचानक पूरे घर की ओर दुकान की जिम्मेदारी हम पर आ गई जिया हम इतना सब कुछ कैसे सम्हालेंगे!!
राहुल जी चिंता मत कीजिए सब ठीक हो जाएगा। वो सब भी मजबूर हैं तो हम क्या कर सकते हैं आप चिंता मत कीजिए अभी आप नहाकर तैयार हो जाईए उसके बाद नाश्ता कर लीजिए|
राहुल हां मैं सर हिला देता है और बाथरूम में चला जाता हैं।
जिया उसे ऐसे परेशान देखकर कुछ नहीं बोलती पर मन में वो भी डर रही थी एक मंथ घर और दुकान कैसे अकेले मैनेज करेगी।
ईशा बाथरूम से नहाकर आती है। राघव अभी लैपटॉप लेकर बालकनी में बैठा था।
ईशा के बालों में पानी टपक रहा था। ईशा ने आज पिंक कलर की साड़ी पहन रखी थी वो साड़ी के पल्लू को सही कर रही थी तभी राघव की नजर उस पर जाती है।
राघव उठकर उसके पास आता है। उसे पीछे से अपने बांहों में भर लेता है। ईशा डरके मारे पल्लू हाथ से गिर जाता है। जिसे उसका ब्लाउज और पेट दोनों दिख रहे थे।
वो दोनों एक दूसरे को आईने की मदद से देख रहे थे। राघव ईशा को अपनी तरफ मोड़ लेता है। ईशा के दोनों हाथ उसके टी शर्ट को कस लेते हैं।
राघव नीचे झुककर वो पल्लू उठाकर ईशा के कंधे पर रख देता है। माफ़ करना पर मेरा इरादा नहीं था तुम्हें डराना या तुम्हारा पल्लू गिराना।
ईशा कुछ नहीं कहती हैं।
नाराज़ हो मेरे से राघव धीरे से बोलता है।
ईशा उसकी आंखों में देखती हुई ना मैं सर हिला देती है।
अगले भाग में
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पूजा (kahanisangrah.in)